2003 में नई पेंशन योजना (एनपीएस) की शुरुआत के साथ भारतीय पेंशन प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जिसने नई भर्तियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) की जगह ले ली। यह तुलना दो पेंशन योजनाओं के बीच प्रमुख अंतरों पर प्रकाश डालती है।
ELIGIBILITY-पात्रता
Old Pension Scheme (ops) पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस):
ओपीएस रेलवे और बैंकों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध था।
बैंकिंग क्षेत्र में, ओपीएस अधिकारियों के लिए उपलब्ध था, जबकि नई पेंशन योजना (एनपीएस) अन्य कर्मचारियों के लिए शुरू की गई थी।
New Pension Scheme (NPS) नई पेंशन योजना (एनपीएस):
एनपीएस रेलवे और बैंकों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए उपलब्ध है।
बैंकिंग क्षेत्र में, एनपीएस ने नई भर्तियों के लिए ओपीएस की जगह ले ली है, और कर्मचारियों के पास एनपीएस और एनपीएस (बैंकिंग) के बीच चयन करने का विकल्प है।
BENEFITS-फ़ायदे
Old Pension Scheme (ops) पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस
ओपीएस ने एक परिभाषित लाभ प्रदान किया, जहां कर्मचारी सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में अपने औसत वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पाने के हकदार थे।
ओपीएस के वेतन की कोई निश्चित सीमा नहीं थी, लेकिन सरकार ने पेंशन उद्देश्यों के लिए वेतन की सीमा ₹1.67 लाख प्रति माह तय कर दी थी।
ओपीएस की सेवा के वर्षों की संख्या की कोई निश्चित सीमा नहीं थी, लेकिन सरकार ने सेवा की सीमा 35 वर्ष तय कर दी।
New Pension Scheme (NPS) नई पेंशन योजना (एनपीएस):
एनपीएस एक परिभाषित योगदान प्रदान करता है, जहां कर्मचारी और नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का एक निश्चित प्रतिशत पेंशन खाते में योगदान करते हैं।
एनपीएस में पेंशन प्रयोजनों के लिए वेतन की एक निश्चित सीमा है, जो ₹1.5 लाख प्रति माह (₹75,000 प्रति पखवाड़ा) है।
एनपीएस में सेवा के वर्षों की संख्या की एक निश्चित सीमा है, जो 35 वर्ष है
CONTRIBUTION — योगदान
Old Pension Scheme (ops) पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस)
नियोक्ता ने कर्मचारी के वेतन का 8.33% योगदान दिया, जबकि कर्मचारी ने 1.16% योगदान दिया।
New Pension Scheme (NPS) नई पेंशन योजना (एनपीएस):
कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12% और अपने मूल वेतन का 1.16% एक निश्चित दान के रूप में योगदान देता है, जबकि नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 12% योगदान देता है।
PENSION PAYMENTS– पेंशन भुगतान
Old Pension Scheme (ops) पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस
ओपीएस के तहत पेंशन राशि की गणना सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों के औसत वेतन के आधार पर की जाती थी।
ओपीएस की निश्चित पेंशन योग्य वेतन सीमा ₹9,000 से ₹15,000 थी।
ओपीएस का पेंशन भुगतान अनुपात 3.75% था।
New Pension Scheme (NPS) नई पेंशन योजना (एनपीएस):
एनपीएस के तहत पेंशन राशि सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 36 महीनों के औसत वेतन पर निर्भर करती है।
एनपीएस में कोई निश्चित पेंशन योग्य वेतन सीमा नहीं है।
एनपीएस का पेंशन भुगतान अनुपात 2.5% है।
INVESTMENT OPTION–निवेश विकल्प
New Pension Scheme (NPS) नई पेंशन योजना (एनपीएस)
एनपीएस ईपीएफ, ईपीएस और अन्य इक्विटी और डेट फंड सहित विभिन्न निवेश विकल्पों के बीच विकल्प प्रदान करता है।
HOME TAKE AWAY- WITHDRAWN
ओपीएस से एनपीएस में बदलाव भारतीय पेंशन प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है, जो एक परिभाषित लाभ योजना से एक परिभाषित योगदान योजना की ओर बढ़ रहा है। जबकि ओपीएस सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों के औसत वेतन के आधार पर एक निश्चित पेंशन राशि प्रदान करता है, एनपीएस सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 36 महीनों के औसत वेतन और चुने हुए निवेश विकल्पों के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। एनपीएस विभिन्न निवेश विकल्पों के बीच एक विकल्प भी प्रदान करता है, जिससे कर्मचारियों को अपने पेंशन निवेश के प्रबंधन में अधिक लचीलापन मिलता है।
- फ़ीचर -पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) नई पेंशन योजना (एनपीएस)
- पात्रता- रेलवे और बैंकों सहित सभी सरकारी कर्मचारी रेलवे और बैंकों सहित सभी सरकारी कर्मचारी
- लाभ सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में औसत वेतन के निश्चित प्रतिशत के साथ परिभाषित लाभ योजना, कर्मचारी के वेतन के निश्चित प्रतिशत के साथ परिभाषित योगदान योजना
- योगदान नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 8.33% योगदान देता है, कर्मचारी कर्मचारी के वेतन का 1.16% योगदान देता है कर्मचारी मूल वेतन का 12% और मूल वेतन का 1.16% निश्चित दान के रूप में योगदान देता है, नियोक्ता कर्मचारी के वेतन का 12% योगदान देता है
- पेंशन भुगतान 3.75% का निश्चित पेंशन भुगतान अनुपात 2.5% का परिवर्तनीय पेंशन भुगतान अनुपात
- निवेश विकल्प निवेश विकल्पों के बीच कोई विकल्प नहीं ईपीएफ, ईपीएस और अन्य इक्विटी और डेट फंड सहित विभिन्न निवेश विकल्पों के बीच विकल्प
नोट: यह तुलना सितंबर 2021 तक उपलब्ध जानकारी पर आधारित है।
बिल्कुल, यहाँ आपके दिए गए विवरणों के आधार पर पुरानी पेंशन योजना (OPS) और नई पेंशन योजना (NPS) की तुलनात्मक तालिका दी गई है:
विशेषता | पुरानी पेंशन योजना (OPS) | नई पेंशन योजना (NPS) | ||
कार्यप्रणाली | सरकार कर्मचारियों के अंतिम वेतन का लगभग 50% अंश पेंशन के रूप में देती है। सरकार ही सभी पेंशन खर्चों को वहन करती है। | कर्मचारियों और सरकार दोनों अपने वेतन का एक निश्चित हिस्सा (10%) एनपीएस खाते में जमा करते हैं। यह बाजार आधारित निवेश योजना है। | ||
लाभ | – गारंटीड पेंशन: रिटायरमेंट के बाद निश्चित आय और वित्तीय सुरक्षा।<br>- कम जोखिम: बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं।<br>- सरलता: निवेश या प्रबंधन की कोई आवश्यकता नहीं। | – उच्च संभावित रिटर्न: बाजार की तुलना में बेहतर रिटर्न की संभावना।<br>- स्वायत्तता: निवेश विकल्पों का चुनाव स्वयं कर सकते हैं।<br>- कर लाभ: आयकर में छूट का लाभ। | ||
हानियां | – वित्तीय बोझ: सरकार पर भारी वित्तीय बोझ।<br>- कम रिटर्न: बाजार की तुलना में कम रिटर्न।<br>- दायित्वों का प्रावधान: सरकार को दीर्घकालिक दायित्वों का प्रबंधन। | – बाजार जोखिम: बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित।<br>- अनिश्चित रिटर्न: निवेश का भविष्यफल अनिश्चित।<br>- जटिलता: प्रबंधन और निवेश निर्णय लेने की ज़िम्मेदारी व्यक्ति पर। | ||
पात्रता | रेलवे और बैंकों सहित सभी सरकारी कर्मचारी | रेलवे और बैंकों सहित सभी सरकारी कर्मचारी | ||
लाभ | सेवानिवृत्ति से पहले पिछले 12 महीनों में औसत वेतन के निश्चित प्रतिशत के साथ लाभ योजना | कर्मचारी के वेतन के निश्चित प्रतिशत के साथ परिभाषित योगदान योजना | ||
योगदान | नियोक्ता: वेतन का 8.33%, कर्मचारी: वेतन का 1.16% | कर्मचारी: मूल वेतन का 12% और 1.16%, नियोक्ता: वेतन का 12% | ||
पेंशन भुगतान | 3.75% का निश्चित पेंशन भुगतान अनुपात | 2.5% का परिवर्तनीय पेंशन भुगतान अनुपात | ||
निवेश विकल्प | निवेश विकल्पों के बीच कोई विकल्प नहीं | ईपीएफ, ईपीएस और अन्य इक्विटी और डेट फंड सहित विभिन्न निवेश विकल्पों के बीच विकल्प | ||
पेंशन राशि | अंतिम वेतन का 50% गारंटीड | बाजार आधारित रिटर्न पर निर्भर | ||
वित्तीय जोखिम | सरकार वहन करती है | बाजार के उतार-चढ़ाव पर निर्भर | ||
लचीलापन | कम, निश्चित पेंशन | अधिक, निवेश विकल्पों में स्वायत्तता | ||
जटिलता | कम, सरकार प्रबंधन करती है | अधिक, व्यक्तिगत प्रबंधन आवश्यक | ||
कर लाभ | नहीं | आयकर में छूट | ||
NEW PENSION SCHEME —राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) भारत में एक सरकार प्रायोजित सेवानिवृत्ति बचत योजना है। यह एक स्वैच्छिक, दीर्घकालिक निवेश योजना है जिसे ग्राहक के कामकाजी जीवन के दौरान व्यवस्थित बचत को सक्षम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यहां एनपीएस का संक्षिप्त विवरण दिया गया है:
- Interest Rate and Benefits OF NPS ( ब्याज दर और लाभ)
एनपीएस पर ब्याज दर अलग-अलग होती है क्योंकि यह बाजार के प्रदर्शन से जुड़ी होती है। एनपीएस सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय का लाभ और ग्राहकों को सेवानिवृत्ति कोष बनाने का अवसर प्रदान करता है।
कार्यशील पूंजी
एनपीएस सीधे तौर पर कार्यशील पूंजी से जुड़ा नहीं है। यह एक पेंशन योजना है जिसका उद्देश्य बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है।
- Withdrawal Process निकासी प्रक्रिया
अभिदाता विशिष्ट शर्तों, जैसे उच्च शिक्षा, विवाह या चिकित्सा उपचार के तहत एनपीएस से आंशिक निकासी कर सकते हैं। सेवानिवृत्ति के समय 60% तक की एकमुश्त निकासी की अनुमति है, और शेष 40% का उपयोग वार्षिकी खरीदने के लिए किया जाना चाहिए।
- How to Invest in NPS एनपीएस में निवेश कैसे करें
व्यक्ति विभिन्न मध्यस्थों जैसे बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और एनपीएस के तहत प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (पीओपी) के रूप में पंजीकृत अन्य वित्तीय संस्थानों के माध्यम से एनपीएस में निवेश कर सकते हैं।
- NPS Section and Tiers एनपीएस अनुभाग और स्तर
एनपीएस आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सीसीडी के अंतर्गत आता है। इसके दो प्राथमिक स्तर हैं:
- TIER 1 NPS -टियर I: यह प्राथमिक एनपीएस खाता है जो एक गैर-निकासी योग्य सेवानिवृत्ति खाता है।
- TIER 2 NPS टियर II: यह एक स्वैच्छिक बचत सुविधा है। टियर I के विपरीत, यह धन की आसान निकासी की अनुमति देता है।
यह अवलोकन एनपीएस और इसकी प्रमुख विशेषताओं की एक झलक प्रदान करता है। विस्तृत निवेश और कर-संबंधी सलाह के लिए, किसी वित्तीय विशेषज्ञ से परामर्श करना उचित है।