”WAITING TICKET” NOT ALLOWED IN ANY CLASS OF TRAIN  ? NEW RAILWAY TRAIN TICKET – UPDATE

  रेलवे से जुड़ा नया बड़ा अपडेट जानिए✍️ रेलवे टिकट नया अपडेट🔥

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PREVIOUS  HISTORY OF WAITING TICKET – –जय हिंद दोस्तों रेलवे से जुड़ा अपडेट है, देखिए पहले क्या होता था, मैं आपको  विस्तार से बता रहा हूं, अगर आप रेलवे से यात्रा करते हैं या आपके परिवार का कोई सदस्य यात्रा करता है। देखिए पहले क्या होता था जब आपको  टिकट जारी किया जाता था। अगर आप स्लीपर से यात्रा करते थे तो आपको पता होगा कि अगर WAITING TICKET( वेटिंग टिकट) जारी किया जाता है, तो आप WAITING TICKET (वेटिंग टिकट )लेते थे, आप कहीं से भी ऑनलाइन लेते थे या अपने मोबाइल से लेते थे या किसी सीएससी सेंटर से लेते थे, साइबर कैफे से लेते थे, कहीं से भी लेते थे, तो अगर ऑनलाइन कन्फर्म होता था तो टिकट से पहले चार्ट बनता था, जैसे ट्रेन खुलने से पहले चार्ट बनता है, तो अगर चार्ट बनने से पहले कन्फर्म होता था, चाहे आरएससी हो या न हो, आपके कन्फर्म होने का मैसेज आता था, तो आप यात्रा कर सकते थे, लेकिन अगर आप कन्फर्म नहीं होते थे, तो अपने आप टिकट कैंसल माना जाता था और आपका पेमेंट दो से तीन दिन के अंदर आपके अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था।

 टिकट बुक किया था, वो ऑनलाइन था और ऑनलाइन WAITING TICKET( वेटिंग टिकट )मान्य नहीं होता था। आप उससे आगे यात्रा नहीं कर सकते थे। लेकिन मैं आपको बता दूं कि अगर आप वही टिकट काउंटर से खरीदते थे, यानी अगर आप किसी भी रेलवे स्टेशन के काउंटर से टिकट खरीदते थे, तो वो कैंसल नहीं होता था चाहे आपका आरएससी हुआ हो या नहीं हुआ हो, चाहे कन्फर्म हुआ हो या नहीं हुआ हो, बिना उस वेटिंग टिकट पर आप रहे, आप सीट से भी यात्रा कर सकते थे। अगर कहीं पर सीट खाली होती थी तो दिन में आप वहां पर बैठ कर यात्रा कर सकते थे. रात को सोने के लिए आप कहीं पर भी फर्श पर सो सकते थे और आराम से यात्रा कर सकते थे. पहले कोई दिक्कत नहीं होती थी या फिर आप दो यात्री हैं, तीन यात्री हैं, पांच यात्री हैं, दो कन्फर्म है, दो की वेटिंग है तो दो सीट पर एडजस्ट करके आप चार या पांच लोग भी यात्रा कर सकते थे

 NEW UP- DATE FOR WAITING TICKET — लेकिन अब क्या हो गया है रेल मंत्रालय ने एक बहुत बड़ा अपडेट दिया है कि अब कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार की वेटिंग टिकट पर यात्रा नहीं कर सकता है चाहे वो ऑनलाइन हो या ऑफलाइन यानी अगर आप काउंटर से वेटिंग टिकट भी लेते हैं अगर वो कन्फर्म नहीं है तो आपको उसे काउंटर पर जाकर कैंसिल कराना पड़ेगा वो अपने आप कैंसिल नहीं होगा क्योंकि आपने उसे काउंटर से लिया है और आपने वहां पर अकाउंट डिटेल नहीं दी है तो आपको वहां पर जाकर उसे कैंसिल कराना पड़ेगा अगर आप कैंसिल करते हैं तो आपका पैसा वापस हो जाएगा

लेकिन आपको बता दूं अगर आप कैंसिल नहीं करते हैं तो एक ऑप्शन दिया गया है कि उस WAITING TICKET (वेटिंग टिकट )पर आप जनरल बोगी में यात्रा कर सकते हैं दूसरे दर्जे में जो जनरल बोगी कहते हैं, उस टिकट पर आप यात्रा तो कर सकते हैं लेकिन स्लीपर में आप प्रवेश नहीं कर सकते। अगर स्लीपर में आप प्रवेश कर गए तो आपका अच्छा चालान होगा और अब आपको उस बोगी से निकाल दिया जाएगा। ये समझ लीजिए। अब आपको उस बोगी से निकाल दिया जाएगा। आप उसमें कुछ और नहीं कर सकते थे। पहले तो स्लीपर में बिना टिकट के भी लोग प्रवेश कर सकते थे। हम जाते थे तो टीटी आता था और हम जो करते थे वो चालान बना देते थे, चालान काट देते थे और लोग उस चालान पर स्लीपर में यात्रा करते थे लेकिन अब हो ये रहा है कि आपका चालान नहीं बनेगा, चालान जुर्माने के रूप में होगा लेकिन उस चालान के साथ आपको जनरल डिब्बे में भी जाना पड़ेगा

 ये बात बहुत बड़ा अपडेट है तो इस बात को समझ लीजिए क्योंकि बहुत लोगों की शिकायत थी, सरकार के पास शिकायत जाती है कि स्लीपर बोगी है, वो भी जनरल जैसी हो गई है, लोग टिकट के लिए वेटिंग में हैं। टिकट काटते हैं, चालान काटते हैं और सीधे घुस जाते हैं। जो स्लीपर हैं और कन्फर्म टिकट है उनको यात्रा करने में दिक्कत होती है, दिक्कत होती है, पैसे देकर भी चैन से नहीं जा पाते हैं, और क्या, जो WAITING TICKET (वेटिंग टिकट) हैं उनके भी कट जाते हैं। जो कन्फर्म हैं उनके भी वही पैसे लगते हैं, इसके भी वही पैसे लगते हैं और होता ये है कि वेटिंग वाले इतने आ जाते हैं कि न तो कन्फर्म वाले ठीक से यात्रा कर पाते थे और न ही वेटिंग वाले ठीक से यात्रा कर पाते थे,

 फिर क्या होता है कि रेलवे मंत्रालय इस पर बहुत दिनों से सर्वे कर रहा था, नहींउनको पता चला है कि इस तरह की समस्या हो रही है, लोगों की शिकायतें आ रही हैं, इसीलिए अब इसको बंद कर दिया गया है. WAITING TICKET (वेटिंग टिकट )चाहे ऑनलाइन हो या काउंटर पर, आप स्लीपर में वो टिकट ले सकते हैं. टिकट लेकर अंदर मत जाइए. आप उस टिकट से जनरल में यात्रा कर सकते हैं. अगर काउंटर पर वेटिंग टिकट है, तो आप ऑनलाइन जनरल में यात्रा कर सकते हैं. अगर वेटिंग टिकट है, तो वो अपने आप कैंसल हो जाएगी और चार्ट बनने से पहले आपके अकाउंट में पैसे ट्रांसफर हो जाएंगे. अगर कन्फर्म है तो कैंसल हो जाएगी.

जो कन्फर्म है वो ठीक से यात्रा कर पाएंगे, वो आराम से यात्रा कर पाएंगे, वो अपनी सीट पर बैठकर यात्रा कर पाएंगे, उनको किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी, अगर उन्होंने पैसे दिए हैं तो वो ठीक से यात्रा कर पाएंगे, अगर गलत है तो तो क्यों गलत है तो गलत है यहाँ पर मुझे लग रहा है कि कोई इमरजेंसी में यात्रा करता था जैसे पहले इमरजेंसी में यात्रा करनी पड़ती थी घर जाना है कहीं जाना है टिकट नहीं मिल रहा है तो चलो चालान कटवा लेते हैं और स्लीपर में घुस जाते थे मैं बैटिंग टिकट लेकर स्लीपर में यात्रा करता था या बैटिंग टिकट लेकर लेकिन उनके लिए ऑप्शन है वो जनरल बोगी से यात्रा कर सकते हैं कम से कम स्लीपर वाले तो सुरक्षित रहते हैं

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अगर आप इन्वर्टर यूजर हैं तो आप अपने इन्वर्टर के साथ इस तरह की INVERTER BATTERY (ट्यूबलर बैटरी )का इस्तेमाल जरूर करते होंगे और आपने देखा होगा कि कई बार इस तरह की बैटरी बहुत लंबे समय तक चलती है और कई बार वारंटी पीरियड से पहले ही खराब हो जाती है। इसलिए जब भी आप अपने इन्वर्टर के लिए  ट्यूबलर बैटरी खरीदें तो निम्नलिखित बातें याद रखें

1 – MANUFACTURING DATE OF BATTERY —आप चाहे जिस भी कंपनी से INVERTER BATTERY (बैटरी) खरीद रहे हों, बैटरी पर उसकी मैन्युफैक्चरिंग डेट चेक करना आपके लिए बहुत जरूरी है क्योंकि कुछ विक्रेता सस्ते के चक्कर में बहुत पुरानी बैटरी बेच देते हैं यानी पुरानी मैन्युफैक्चर्ड बैटरी बेचते रहते हैं और आपको पता होना चाहिए कि जिस समय बैटरी फैक्ट्री में बनती है उसी समय उसमें एसिड डाला जाता है और उसे चार्ज किया जाता है और उसके बाद से उसकी लाइफ शुरू हो जाती है। हम अक्सर कहते हैं कि बैटरी की लाइफ साइकिल कितनी होती है और हम बैटरी की लाइफ साइकिल देखकर ही उसकी लाइफ का अंदाजा लगा लेते हैं लेकिन इतना काफी नहीं है क्योंकि अगर हम इस बैटरी का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें और बस इसे ऐसे ही रखें और हम इसे तीन से चार साल तक ऐसे ही रखें। बैटरी की लाइफ तब भी खत्म हो जाएगी भले ही हमने उसका एक भी लाइफ साइकिल इस्तेमाल ना किया हो। जब भी फैक्ट्री में एसिड डालकर बैटरी को चार्ज किया जाता है उसकी लाइफ उसी दिन से शुरू हो जाती है और अगर कोई सेलर आपको एक साल या 2 साल की वारंटी देता है। अगर आप साल पुरानी मैन्युफैक्चरिंग की बैटरी दे रहे हैं तो समझ लीजिए आपकी बैटरी की लाइफ कम होने वाली है तो सबसे पहला पॉइंट है कि आपको इस बैटरी पर मैन्युफैक्चरिंग डेट देखनी है जैसे सभी कंपनियां बाहर की तरफ एक लेबलिंग स्टीकर लगाती हैं। इसके सारे स्पेसिफिकेशन लिखे होते हैं  और वारंटी कार्ड पर भी बैटरी की मैन्युफैक्चरिंग डेट लिखी होती है जो कि सबसे पहला पॉइंट है जो आपको बैटरी खरीदते वक्त देखना है।

2-ALL ITS SPECIFICATION—–  -उसके बाद दूसरा पॉइंट जो आपको देखना है वो है बॉक्स को देखना, पैकिंग को देखना, INVERTER BATTERY (बैटरी )कहीं फंसी हुई नहीं होनी चाहिए, बॉक्स फटा हुआ नहीं होना चाहिए या पैकिंग हटाने के बाद आप अंदर की बैटरी को भी देख सकते हैं, अगर बैटरी कहीं फंसी हुई है या उसमें डेंट है तो ऐसा नहीं है और अगर ऐसा है भी तो आप सेलर से कह सकते हैं कि वो आपको दूसरा पीस दे दे, उसके बाद पैकिंग खोलकर आपको बता दें कि क्या देखना है बेशक बैटरी किसी भी कंपनी की हो ये पॉइंट है. आपको इसे सभी बैटरी पर लगाना है. अब जैसा कि हम ऊपर देख सकते हैं थर्मोकोल की पैकिंग है. अगर बैटरी अच्छे से पैक की गई है तो डेंट लगने का खतरा कम होता है. पैकिंग पर ही डेंट लगने का खतरा कम होता है. वारंटी कार्ड यहीं वारंटी कार्ड पर अटैच होता है. वारंटी कार्ड पर हम आपको तारीख भी दिखाते हैं. जैसा कि आप देख सकते हैं बैटरी का मॉडल नंबर वही 150 TT 54 है और यहां पर आपको 0424 दिख रहा है यानी अप्रैल 2024 की मैन्यूफैक्चरिंग. ये एकINVERTER BATTERY है. आप इस पर दो जगह तारीख लिखी हुई देख सकते हैं। और अगर आप यहाँ इस तरफ देख रहे हैं तो इस बैटरी पर ५४ महीने लिखा हुआ था यानि ५४ महीने लिखा हुआ है तो यहाँ पर आपको FR यानि फ्री रिप्लेसमेंट दिख रहा है इसकी रिप्लेसमेंट वारंटी ० से ३६ महीने की है। इसको खोलने के बाद आप देख सकते हैं कि बैटरी पर कहीं एसिड बिखरा हुआ तो नहीं है। एसिड INVERTER BATTERY के अंदर से निकलेगा और बैटरी के ऊपर के कवर या साइड में एसिड नहीं है और अगर आपको ऊपर एसिड दिखेगा तो साइड में एसिड दिखेगा। तो समझ लीजिए कि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान बैटरी को रखते समय सावधानी बरती गई है। अगर INVERTER BATTERY असुरक्षित है तो आपको वो पीस भी नहीं खरीदना चाहिए।

3—PHYSICAL CONDITION  OF BATTERY -आपको INVERTR BATTERY (बैटरी) को ऊपर से चेक करना चाहिए कि वो अच्छी कंडीशन में होनी चाहिए। अगर उसमें कुछ दो बूंदे पड़ गई हैं तो कोई दिक्कत नहीं है। कोई खास बात नहीं है और यहाँ पर भी आप स्टीकर पर बैटरी की तारीख देख सकते हैं साफ अक्षरों में लिखा हुआ है कि अप्रैल २०२४ है वो काले रंग का होता है कंपनी ने माइनस भी लिखा है बहुत अच्छी बात है यहाँ पर लाल रंग का है प्लस लिखा है पर आपको ये देखना है की ये जो टर्मिनल है ये सीधा और सुरक्षित होना चाहिए अगर टर्मिनल मुड़ा हुआ है तो ये अटका हुआ है अगर बैटरी का टर्मिनल मुड़ा हुआ है या उसमे कुछ लगा हुआ है तो वो टुकड़ा बिल्कुल भी ना ले क्यूंकि अगर INVERTER BATTERY का टर्मिनल किसी वजह से अटक जाता है या अटक जाता है क्योंकि वो बहुत सख्त धातु नहीं है ठोस और मुलायम होता है अगर किसी वजह से वो फिट हो जाता है और उसके अंदर कहीं कुछ क्रैकिंग आ जाती है तो उसके बाद उसके अंदर क्रैकिंग फॉस्फेट आ जायेगा जिसको आप कार्बन कहते है कार्बन आने के बाद आपकी बैटरी बहुत जल्दी खराब हो जाएगी अगर आप उसे नहीं लाएंगे तो ये एक डेढ़ साल तक चल जाएगी पर जैसे जैसे कार्बन सी के अंदर जमा होता जाएगारैक, आपका टर्मिनल अंदर से क्रैक हो जाएगा और बैटरी बहुत जल्दी खराब होने के चांस हैं
4—DEALER & ON-LINE PURPCHAE —-मैं आपको बहुत कुछ बताने वाला हूं, लेकिन उससे पहले एक बहुत ही जरूरी बात और जो आपको ध्यान में रखनी है, वह यह है कि आपको कभी भी INVERTER BATTERY ( बैटरी इनवर्टर )और इनवर्टर की बैटरी कभी भी  ऑनलाइन नहीं खरीदनी चाहिए,  आपको INVERTER BATTERY को केवल कंपनी के अपने नजदीकी अधिकृत डीलर डिस्ट्रीब्यूटर से ही खरीदना है क्योंकि आपका डीलर डिस्ट्रीब्यूटर ही आपको सर्विस देगा। आप अपने नजदीकी डीलर डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाकर ही INVERTER BATTERY को खोलकर यानी पैकिंग से निकालकर चेक कर सकते हैं। आपका प्रोडक्ट सुरक्षित है या फंसा हुआ है, मुड़ा हुआ है, डेंट लगा हुआ है, क्रैक है या साफ है, सब कुछ आपको चेक करना होगा आपको केवल उसे रखना है और बैटरी को खोलकर हर तरफ से देखने के बाद अगर बैटरी सुरक्षित है तो आप डीलर या डिस्ट्रीब्यूटर से वारंटी कार्ड जरूर भरवा लें और उस पर विक्रेता की मुहर लगा कर वारंटी कार्ड को सुरक्षित रख लें।

5–  GST BILL & WARRANTY CARD —-इसके अलावा विक्रेता को जीएसटी बिल भी भेजा जाता है। अगर मैं इस समयINVERTER BATTERY ( बैटरी) की बात करूं तो July  2024 का महीना चल रहा है और INVERTER BATTERY की निर्माण तिथि अप्रैल 2024 है यानी यह बैटरी एक महीने पहले निर्मित की गई थी और अगर विक्रेता आपको चार महीने पहले की बताता है कि निर्माता आपको चार महीने, पांच महीने, छह महीने या एक साल पुरानी निर्मित INVERTER BATTERY दे रहा है तो उस पीस को बिल्कुल भी न खरीदें और विक्रेता से जीएसटी बिल पर बैटरी का सीरियल नंबर जरूर अंकित करें ताकि रिप्लेसमेंट के समय आपको कोई परेशानी न हो और आप आसानी से किसी अन्य विक्रेता या सर्विस सेंटर से अपना प्रोडक्ट बदलवा सकें इसके अलावा अगर

6—आप सोलर इनवर्टर और सोलर पैनल का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आप कभी भी अपने इनवर्टर के साथ सोलर बैटरी का इस्तेमाल ना करें लेकिन अगर आपके पास सोलर इनवर्टर है या सोलर पैनल लगे हुए हैं तो आप सोलर बैटरी खरीद सकते हैं और नॉन सोलर बैटरी भी खरीद सकते हैं लेकिन अगर आपके पास सोलर इनवर्टर नहीं है तो आप सोलर बैटरी ना खरीदें और अगर आपको c10 रेटिंग वाली बैटरी मिलती है तो उस पर कहीं ना कहीं बैटरी की रेटिंग लिखी होती है यहां पर मुझे वो कहीं भी नजर नहीं आ रही है तो बैटरी पर c10 या c20 या c5 की रेटिंग लिखी होती है अगर इस बैटरी पर ये नहीं लिखा है तो आप c10 रेटिंग की बैटरी लें तो ज्यादा अच्छा है और अगर बैटरी पर कुछ नहीं लिखा है तो समझ लीजिए कि ये बैटरी c20 रेटिंग की है लेकिन अगर आपका लोड कम है तो आपको बैकअप मिल जाएगा अगर आपको ज्यादा समय चाहिए तो आप C20 रेटिंग की बैटरी भी ले सकते अगर बैटरी का कोना कहीं पर लगा भी होगा तो बैटरी का प्लास्टिक आपको बता देगा कि बैटरी का कोना लगा हुआ है

6—TRANSPORTATION OF BATTERY —-और ट्रांसपोर्टेशन बहुत अच्छे से हुआ है तो ये है आपको चीजें देखनी है क्योंकि दोस्तों ट्रांसपोर्टेशन के दौरान अगर बैटरी के टर्मिनल कहीं पर अटक जाते हैं या बैटरी कहीं पर फंस जाती है तो बैटरी के अंदर से खराब होने का खतरा रहता है क्योंकि ये कोई बहुत सख्त मटेरियल नहीं है जैसे कि हमने बताया कि ये लेड है ये एक सॉफ्ट मटेरियल होता है और अगर कोई भी प्लेट अंदर से हिल जाए तो उसमें क्रैक आ जाते हैं फिर धीरे-धीरे क्रैकिंग के अंदर कार्बन आने की वजह से वो डिस्कनेक्ट हो जाता है और हमारी बैटरी का बैकअप कम हो जाता है या फिर बैटरी बहुत जल्दी खराब हो जाती है ऐसा होता है और यही वजह है कि आपने कभी-कभी देखा होगा कि अगर आप एक ही कंपनी की बैटरी इस्तेमाल करते हैं चाहे वो किसी भी कंपनी की हो तो आपने देखा होगा कि कुछ पीस बहुत जल्दी खराब हो जाते हैं और एक ही कंपनी के कुछ पीस बहुत लंबे समय तक चलते हैं इसका कारण ये होता है कि या तो बैटरी के अंदर कोई कनेक्टर खराब हो जाता है या फिर कोई प्लेट खराब हो जाती है क्रैकिंग की वजह से ऐसा होने के कई कारण होते हैं और कभी-कभी समय-समय पर अगर हम पानी ठीक से नहीं भर पाते हैं तो भी हमारी बैटरी बहुत जल्दी खराब हो जाती है  

7—बैटरी खरीदते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना है और अगर आप खरीदते समय 6-7  बातों का ध्यान रखते हैं तो आप अपने लिए एक अच्छी बैटरी खरीद सकते हैं ALL PIC COURSTY -AMARON  BATTERY

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INTRODUCTION- POINT TO REMEMBER TO BUY BATTERY
1 – MANUFACTURING DATE OF BATTERY
2-ALL ITS SPECIFICATION-
3—PHYSICAL CONDITION  OF BATTERY
4—DEALER & ON-LINE PURPCHAE

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) 2024 : निर्जला एकादशी कब है? जानें शुभ मुहूर्त

निर्जला एकादशी-साल में सभी एकादशी तिथियों में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)  व्रत बहुत महत्वपूर्ण और कठिन माना जाता है। इस निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाले सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती हैं और इसके साथ ही निर्जला एकादशी व्रत के दिन उसे भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। ज्योतिषाचार्य  ने  बताया कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत बहुत महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है क्योंकि यह व्रत बिना अन्न और जल के किया जाता है। इसके लिए व्यक्ति को भगवान विष्णु और धन की देवी माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हमारे सनातन धर्म में किए जाने वाले सभी व्रतों में से अगर कोई व्रत सबसे अच्छा और सबसे बड़ा फल देने वाला है तो वह व्रत हर महीने की दोनों तिथियों को किया जाने वाला एकादशी का व्रत है। पक्ष के 11वें दिन को एकादशी व्रत कहा जाता है और यह एकादशी भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त करने, सांसारिक सुखों को प्राप्त करने और संसार से मुक्त होने और मृत्यु के बाद मोक्ष प्राप्त करने के लिए रखी जाती है। जो भी व्रत किया जाता है और इन एकादशियों के व्रत में, जेष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी या भीम सैनी एकादशी कहा जाता है क्योंकि इस निर्जला एकादशी के दिन, व्यक्ति भोजन, फल ​​और यहां तक ​​कि जल का भी त्याग करता है।  इसलिए इस व्रत को निर्जला एकादशी कहा जाता है।

 महाभारत में ऐसा उल्लेख है कि भीमसेन ने वेदव्यास जी से कहा कि हमारी माता कुंती, राजा युधिष्ठिर और मेरे छोटे भाई अर्जुन, नकुल और सहदेव ये सभी निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)  का व्रत करते हैं और एकादशी व्रत के दिन वे मुझसे कहते हैं कि तुम्हें भी एकादशी का व्रत करना चाहिए लेकिन मैं भूख सहन नहीं कर सकता। मैं भूखा नहीं रह सकता इसलिए मैं भोजन करता हूं लेकिन मेरे भाई और मेरी मां वह मुझसे कहती हैं कि इस एकादशी के व्रत में तुम अन्न मत खाना क्योंकि जो व्यक्ति एकादशी के व्रत में अन्न खाता है, उसे संसार के सभी कष्ट प्राप्त होते हैं और हमारे शास्त्रों में वर्णित है कि मृत्यु के बाद भी दुख है, इसलिए मैं भूख सहन नहीं कर सकती, मैं भोजन ग्रहण करती हूं, लेकिन यदि आप कोई उपाय जानते हैं कि मैं इस पाप से कैसे बच सकती हूं, तो कृपया मुझे वह उपाय बताएं।

 तब वेदव्यास जी ने कहा, यदि तुम नियमपूर्वक केवल जेष्ठ शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन अन्न, फल ​​और जल का त्याग करके, अन्य सभी जल का त्याग करके, भगवान नारायण की पूजा करके, इस प्रकार करो और वर्ष में पड़ने वाली सभी एकादशियों में से केवल निर्जला एकादशी का व्रत करने से ही तुम्हें फल की प्राप्ति हो जाएगी और तुम इस पाप से बच जाओगे। ऐसा है इस निर्जला एकादशी का महत्व भीम सैन ने इसे स्वीकार कर लिया और अन्य जल, फल आदि का पूर्ण त्याग कर इस एकादशी का व्रत करना शुरू कर दिया, इसलिए इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है,

 अत: जेष्ठ शुक्ल पक्ष की इस एकादशी को संपूर्ण प्रयत्नों से निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)   कहा जाता है। प्रत्येक सनातनी व्यक्ति को एकादशी के दिन व्रत करना चाहिए, प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर मंत्र जाप, दान आदि करना चाहिए। इस व्रत को उत्तम एवं उचित रीति से करके अपने मन और शरीर को शुद्ध करें। श्रीमद्भागवत के भगवान विष्णु के विष्णुसहस्त्र नाम इन विभिन्न मंत्रों का जाप करते हुए रात्रि जागरण कर इस एकादशी का व्रत करना चाहिए और दूसरे दिन द्वादशी को पहले ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए या अन्य दान करना चाहिए। इसके बाद स्वयं भी व्रत को दोहराना चाहिए। “’ अन्ना वस्त्रं गावो जलम साया सनम स्वं कमंडल “’तथा  इस निर्जला एकादशी के दिन व्यक्ति को जल का दान करना चाहिए, अन्न, गौ सिंहासन आदि का दान करते हुए, इस एकादशी के दूसरे दिन जो द्वादशी तिथि है उस दिन व्रत रखना चाहिए। द्वादशी तिथि को ब्राह्मण को आमंत्रित करें, उसके लिए पानी का नया घड़ा लाएँ, उसमें जल भरें, उस घट का पूजन करें, उस जल सहित घट को ब्राह्मण को दान करें, ब्राह्मण को भोजन कराएँ, उसे वस्त्र, दक्षिणा आदि दें और दूसरे दिन पड़ने वाली द्वादशी को पांडव द्वादशी भी कहते हैं।
अब बात करते हैं कि आने वाली जेष्ठ शुक्ल में निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)  तिथि कब पड़ रही है। इस बार हमारे पंचांग में दिए गए विवरण के अनुसार एकादशी का व्रत 16 तारीख की रात से शुरू हो रहा है। ऐसा होगा कि 17 तारीख को दिन भर एकादशी रहेगी, 17 की रात को भी एकादशी रहेगी और 18 को सुबह सूर्योदय के कुछ मिनट बाद तक, पंचांग में एकादशी का उल्लेख इसलिए किया गया है क्योंकि एकादशी का व्रत करने वाले सभी लोग सनातनी होते हैं या तो स्मार्त के रूप में जाने जाते हैं या वैष्णव के रूप में जाने जाते हैं, फिर जिन्होंने वैष्णव संप्रदाय की दीक्षा ली है वे वैष्णव कहलाते हैं और इसके अलावा जो भी भक्त गृहस्थ हैं और जिन्होंने शाक्त की दीक्षा ली है वे वैष्णव कहलाते हैं। सभी लोग स्मार्त कहलाते हैं, इसलिए जो लोग स्मार्त और गृहस्थ हैं उन्हें 17 जून को पड़ने वाली एकादशी का व्रत रखना चाहिए। स्मार्त और गृहस्थ लोगों को 17 जून को एकादशी का व्रत रखना चाहिए

निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi)  व्रत का पहला नियम यह है कि व्रत के दिन से एक दिन पहले अपने हृदय में भक्ति भर देंजैसे आप एकादशी का व्रत करती हैं। अगर आप रह रही हैं तो दशमी के दिन जब शाम का समय आए, जब रात का समय आए और आप रात को भोजन करें तो उस भोजन में ऐसा कोई भी भोजन न लें जिससे आपकी एकादशी खराब हो जाए या बेकार हो जाए।

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NATIONAL SCIENCE DAY (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) ITS HISTORY  IMPORTANCE  , RAMAN EFFECT AND THEME OF NATIONAL SCIENCE DAY 2024 , रमन प्रभाव और उसका इतिहास

हर साल, भारत भौतिकी में एक नए सिद्धांत का आविष्कार करने के लिए प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकट रमन) को सम्मान देने के लिए 28 फरवरी को 'NATIONAL SCIENCE DAY' मनाया जाता है, जिसे 'रमन प्रभाव' के रूप में मान्यता प्राप्त है।

हर साल, भारत भौतिकी में एक नए सिद्धांत का आविष्कार करने के लिए प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और नोबेल पुरस्कार विजेता सी. वी. रमन (चंद्रशेखर वेंकट रमन) को सम्मान देने के लिए 28 फरवरी को ‘NATIONAL SCIENCE DAY’ मनाया जाता है, जिसे ‘रमन प्रभाव’ के रूप में मान्यता प्राप्त है।

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हर साल 28 फरवरी को, ‘NATIONAL SCIENCE DAY’ (भारत राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) मनाता है भारत  देश के  महान वैज्ञानिक, सर सी.वी. रमन की विरासत को सम्मानित किया जा सके इस लिए 28  FEBURY  को ‘NATIONAL SCIENCE DAY’  के रूप में मनाया जाता है और  इस दिन भारतीय वैज्ञानिकों के महत्वपूर्ण योगदानों को  सम्मानित किया जाता है राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का महत्व इसलिए है क्योंकि सर सी.वी. रमन ने रमन प्रभाव की खोज की  थी जो विज्ञानं  की दुनिया  का , एक बहुत ही महत्वपूर्ण वैज्ञानिक घटना जिसने  द्वारा प्रकाश और पदार्थ के अध्ययन को पूर्णरूप  से   बदल दिया और भविस्य के अविष्कार का आधार रखा

SUDARSHAN SETU ( सुदर्शन सेतु ) भारत का सबसे लम्बा केबल सेतु।, उद्घाटन से पहले, पीएम मोदी ने पुल को “आश्चर्यजनक परियोजना” कहा।कितनी है लागत ? क्या मिलेगा लाभ, 25 FEB 2024 :

‘NATIONAL SCIENCE DAY’ -रमन प्रभाव और उसका महत्व:  आइये  जानते है क्या है रमन इफ़ेक्ट ‘NATIONAL SCIENCE DAY’ (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) का इतिहास सर चंद्रशेखर वेङ्कट रामन द्वारा 1928 में रमन प्रभाव की खोज के अवसर को मनाने के रूप में है। सर सी.वी. रामन ने  हे दुनिया को मोदर्न स्पेक्ट्रोस्कोपी  से परिचय कराया  और इसकी नींव रखी,  और इस खोज के लिए जिनका  उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला, और यह  किसी भी भारतीय वैज्ञानिक को नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति  बने ।  बस्तुतः  रमन प्रभाव में  हम लोग  प्रकाश और पदार्थों के संबंध  को अध्यन से  रेखांकित करते है जो नए सम्भावनो  के रास्ते खोलता है। इसका महत्व अनेक क्षेत्रों में है जिसमें रसायन विज्ञान, भौतिकी, जीव विज्ञान, चिकित्सा, और सामग्री विज्ञान शामिल हैं।

 VIVO V 30 & VIVO 30 PRO Series Launch Confirmed for India: Exclusive on Flipkart Experience the Unveiling of Vivo V30 and V30 Pro with Premium Design and Mid-range Specs”

रामन प्रभाव का अध्ययन अब तक विभिन्न डिसिप्लिन में महत्वपूर्ण उपयोग निकाला है, जिसमें रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, और उद्योगों में सामग्री विज्ञान शामिल है

NOTHING PHONE 2A :LAUNCH IN INDIA , EXPECTED FEATURE,PRICE IN INDIA, NOTHING PHONE 2A SPECE &DESIGN

‘NATIONAL SCIENCE DAY'( राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) :  IMPORTANCE महत्व
‘NATIONAL SCIENCE DAY’ (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) का प्राथमिक लक्ष्य लोगों के दैनिक जीवन में वैज्ञानिक अनुप्रयोगों के महत्व के बारे में संदेश फैलाना है। यह मानव कल्याण के लिए भारतीय वैज्ञानिकों की गतिविधियों, प्रयासों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करना भी है। यह दिन वैज्ञानिक मुद्दों पर चर्चा करने, वैज्ञानिक विकास के लिए नई प्रौद्योगिकियों को लागू करने और दूसरों के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने और लोकप्रिय बनाने का अवसर प्रदान करता है।

WEB SERISE REVIEW “LSD” (LOVE  SEX & DEATH ) FREE  में देखे,DARK & साइकोलॉजिकल थ्रीलर, STREAMIMG ON MX PLAYER -IN HINDI /TELGU,2 FEB 2024

‘NATIONAL SCIENCE DAY’ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 की ऐक्टिविटीज:

2024 में ‘NATIONAL SCIENCE DAY’ (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस) के लिए सरकारी पुरस्कारों के नामों की घोषणा की जाती है जो वैज्ञानिकों की महत्वपूर्ण योगदानों को प्रमोट करती है। हर  वर्ष की राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की ऐक्टिविटीज में वैज्ञानिक सम्मेलन, विज्ञान मेले, विज्ञान प्रदर्शनी, और विभिन्न विषयों पर व्याख्यान आयोजित किए जाते हैं। विद्यालय, कॉलेज, विज्ञान संस्थान, और सरकारी संगठन छात्रों और जनता में वैज्ञानिकता की शिक्षा, जागरूकता, और अध्ययन को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित   किये  जाते  हैं।

‘NATIONAL SCIENCE DAY’ रा(ष्ट्रीय विज्ञान दिवस )के इस महत्वपूर्ण दिन को मनाकर हम  महान भारतीय वैज्ञानिकों की  कार्यो  की उत्कृष्टता का सम्मान करते हैं और उनके विज्ञानं  योगदान को सराहते हैं जो समाज के लिए एकमात्र बदलाव और सुधार लाने में सक्षम हैं। यह दिवस हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व को समझाने, वैज्ञानिक चेतना को बढ़ाने, और भविष्य के वैज्ञानिकों को प्रेरित करने का मौका प्रदान करता है।

‘ THEME OF NATIONAL SCIENCE DAY (राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 का विषय क्या है?)

‘NATIONAL SCIENCE DAY’ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस 2024 का विषय ‘Indigenous Technologies for Viksit Bharat’ (‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीकहै।) विषय वैज्ञानिक, तकनीकी और नवाचार कौशल को बढ़ावा देने पर जनता का ध्यान केंद्रित करने पर जोर देता है।

यह घरेलू प्रौद्योगिकियों के माध्यम से देश की समस्याओं का समाधान करने में भारतीय वैज्ञानिकों की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डालता है। इस वर्ष की थीम भारत और संपूर्ण मानवता की भलाई में योगदान देने के लिए देश और विदेश में जनता और वैज्ञानिक समुदाय द्वारा सहयोग और एक साथ काम करने की आवश्यकता पर जोर देती है।

विज्ञान के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने के महत्व पर जोर देने के लिए, विषय उन मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर भी जोर देता है जो समग्र रूप से मानवता के लिए महत्वपूर्ण हैं

‘NATIONAL SCIENCE DAY’ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हमें वैज्ञानिक खोज के महत्व को याद दिलाता है और प्रेरित करता है कि हम विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में आगे बढ़ें। रमन प्रभाव हमें ज्ञान का एक नया आयाम दिखाता है और हमें विज्ञान के शक्ति को मानवता के लाभ के लिए समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है। इस राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को हम समाज में वैज्ञानिकता, अनुसंधान, और ज्ञान की महत्वपूर्ण भूमिका की याद में मनाते हैं और भविष्य के वैज्ञानिकों को समृद्धि और सफलता की शुभकामनाएं देते हैं।

SUDARSHAN SETU ( सुदर्शन सेतु ) भारत का सबसे लम्बा केबल सेतु।, उद्घाटन से पहले, पीएम मोदी ने पुल को “आश्चर्यजनक परियोजना” कहा।कितनी है लागत ? क्या मिलेगा लाभ, 25 FEB 2024 :

SUDARSHAN SETU ( सुदर्शन सेतु ) भारत का सबसे लम्बा केबल सेतु।, उद्घाटन से पहले, पीएम मोदी ने पुल को "आश्चर्यजनक परियोजना" कहा।कितनी है लागत ? क्या मिलेगा लाभ, 25 FEB 2024

SUDARSHAN SETU, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में ओखा और बेयट द्वारका को जोड़ने वाले 2.32 किमी लंबे केबल-आधारित पुल ‘ SUDARSHAN SETU ‘ का उद्घाटन किया। ₹978 करोड़ की लागत से बने इस पुल का उद्देश्य द्वारकाधीश मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों की पहुंच को आसान बनाना है। सौर पैनलों से सुसज्जित और भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से सुसज्जित एक अद्वितीय डिजाइन के साथ, यह पुल एक पर्यटक आकर्षण के रूप में भी काम करता है। 

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SUDARSHAN SETU सुदर्शन सेतु: छवि में यह आश्चर्यजनक पुल भारत का सबसे लंबा केबल-रुका हुआ पुल है! पीएम नरेंद्र मोदी ने 25 फरवरी 2024 को गुजरात में सुदर्शन सेतु का उद्घाटन किया है. इस लुभावने पुल का निर्माण 980 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और यह बेट द्वारका की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान करेगा। ओखा बंदरगाह के पास स्थित बेयट द्वारका, द्वारका शहर से लगभग 30 किमी दूर है और भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध द्वारकाधीश मंदिर का घर है। तो, भारत के सबसे लंबे केबल-रुके पुल SUDARSHAN SETU  के बारे में क्या खास है? हम इस नए पुल के कुछ महत्वपूर्ण तथ्यों और आश्चर्यजनक छवियों पर एक नज़र डालते हैं

SUDARSHAN SETU की लंबाई: 2.32 किलोमीटर तक फैला यह केबल-आधारित पुल, भारत में अपनी तरह का सबसे लंबा पुल है, जैसा कि पीएमओ ने कहा है। यह ओखा मुख्य भूमि को बेयट द्वारका द्वीप से जोड़ता है। पहले इसे ‘सिग्नेचर ब्रिज’ कहा जाता था, अब इसका नाम बदलकर ‘ SUDARSHAN SETU ‘ या सुदर्शन ब्रिज कर दिया गया है।

COURTSEY – DD NEWS/ ANI
SUDARSHAN SETU डिज़ाइन: अपने विशिष्ट डिज़ाइन की विशेषता, नए सुदर्शन सेतु पुल में दोनों तरफ भगवद गीता के श्लोकों और भगवान कृष्ण की छवियों से अलंकृत फुटपाथ हैं। उद्घाटन से पहले, पीएम मोदी ने पुल को “आश्चर्यजनक परियोजना” कहा।

SUDARSHAN SETU( सुदर्शन सेतु) की अनूठी विशेषताएं

सुदर्शन सेतु की अनूठी विशेषताएं: इसके अतिरिक्त, नए पुल के फुटपाथों के ऊपर सौर पैनल लगाए गए हैं। प्रधान मंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, इनसे एक मेगावाट बिजली पैदा करने में मदद मिलेगी।

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SUDARSHAN SETUसुदर्शन सेतु के लाभ

​सुदर्शन सेतु के लाभ: पुल के निर्माण से पहले, तीर्थयात्री बेयट द्वारका तक पहुंचने के लिए नाव परिवहन पर निर्भर थे। चार लेन और हर तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ के साथ, सुदर्शन सेतु एक मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करता है।

SUDARSHAN SETUसुदर्शन सेतु के बारे में

अक्टूबर 2017 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए SUDARSHAN SETU के निर्माण को पुराने और नए द्वारका को जोड़ने में इसकी भूमिका के लिए रेखांकित किया गया था। वर्तमान में, यह पुल न केवल सुगम आवागमन की सुविधा प्रदान करता है, बल्कि एक पर्यटक आकर्षण के रूप में भी खड़ा है, जो गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्थापत्य उत्कृष्टता को प्रदर्शित करता है। इसके अतिरिक्त, नए पुल के फुटपाथों के ऊपर सौर पैनल लगाए गए हैं। प्रधान मंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार, इनसे एक मेगावाट बिजली पैदा करने में मदद मिलेगी

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सुदर्शन सेतु के लाभ: पुल के निर्माण से पहले, तीर्थयात्री बेयट द्वारका तक पहुंचने के लिए नाव परिवहन पर निर्भर थे। चार लेन और हर तरफ 2.50 मीटर चौड़े फुटपाथ के साथ, सुदर्शन सेतु एक मजबूत बुनियादी ढांचा प्रदान करता है। अक्टूबर 2017 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए सुदर्शन सेतु के निर्माण को पुराने और नए द्वारका को जोड़ने में इसकी भूमिका के लिए रेखांकित किया गया था। वर्तमान में, यह पुल न केवल सुगम आवागमन की सुविधा प्रदान करता है, बल्कि पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र भी है, जो गुजरात की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और स्थापत्य उत्कृष्टता को प्रदर्शित करता है।

    गुजरात का पहला एम्स

इसके अतिरिक्त, वह राजकोट में गुजरात के पहले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ-साथ केंद्र द्वारा ₹6,300 करोड़ की लागत से निर्मित आंध्र प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में चार अन्य एम्स अस्पतालों का उद्घाटन करेंगे।

पीएम मोदी के आज शाम शहर में एक मेगा रोड शो में भाग लेने की भी उम्मीद है, जो क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के विकास और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।

ROSE DAY- कब है ,(7 FEB) क्यों देते है लाल गुलाब , पीले , सफ़ेद  गुलाब कब देते है– Valentine’s Day Flowers के लिए फूलों के सुझाव और उनका क्या मतलब है जाने और बहुत  कुछ—-

ROSE DAY  और वैलेंटाइन वीक बस कुछ ही दिन दूर है और हम अभी से शांत नहीं रह सकते। यह साल का वह समय है जब दुनिया खुद को प्यार के रंग में रंगती है। जो लोग प्यार में हैं और उन्हें अपना जीवनसाथी मिल गया है, वे अपने खास व्यक्ति के साथ इस दिन का जश्न मनाते हैं और हमेशा उनके साथ रहने का वादा करते हैं। वैलेंटाइन सप्ताह हमें प्यार का महत्व सिखाता है, और कैसे प्यार सब कुछ जीत सकता है। इसका मतलब सिर्फ अपने साथियों के प्रति हमारा प्यार नहीं है। वैलेंटाइन डे उस प्यार का भी जश्न मनाता है जो हम अपने परिवार के सदस्यों, दोस्तों और सबसे महत्वपूर्ण रूप से अपने लिए रखते हैं। यह हर तरह का प्यार फैलाता है, और हमें सिखाता है कि कैसे नफरत से भरी दुनिया में, इसे बेहतरी के लिए बदलने के लिए हमें बस थोड़े से प्यार की जरूरत है।

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हर साल 7 फरवरी को ROSE DAY   रोज़ डे मनाया जाता है। इस दिन, लोग शहर को लाल रंग से रंगते हैं – लाल गुलाब के रंग से, जो प्यार और जुनून को दर्शाता है। लोग जिसे प्यार करते हैं उसे गुलाब का फूल देते हैं और दुनिया के सामने अपने जुनून का इज़हार करते हैं। हालांकि ROSE DAY  , पार्टनर को सिर्फ गुलाब का फूल ही गिफ्ट करना जरूरी नहीं है। हम अपने माता-पिता या किसी मित्र को, जिसे हम बिना शर्त प्यार करते हैं, गुलाब का फूल उपहार में दे सकते हैं। हमें गुलाब या अपनी पसंद के फूल खरीदकर आत्म-प्रेम का अभ्यास करना भी सीखना चाहिए। ALSO READ-

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ROSE DAY – इतिहास: ऐसा माना जाता है कि ROSE DAY  गुलाब उपहार देने की प्रथा विक्टोरियन लोगों ने एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार व्यक्त करने के लिए शुरू की थी। तब से, रोज़ डे एक दूसरे को गुलाब का फूल देकर प्यार की अभिव्यक्ति का जश्न मनाता है  रोमन पौराणिक कथाओं में ROSE DAY  ,गुलाब रहस्य और जुनून का प्रतीक थे, विशेष रूप से सौंदर्य और प्रेम से जुड़ी रोमन देवी शुक्र के संबंध में। शायद अपनी स्वादिष्ट खुशबू और आकर्षक रंगों के कारण, एशियाई और अरब संस्कृतियों जैसी पूर्वी सभ्यताओं में गुलाब को प्यार से जोड़ा गया है। अक्सर यह माना जाता है कि विक्टोरियन लोग अपने स्नेह की निशानी के रूप में गुलाब देकर एक-दूसरे के प्रति अपना प्यार प्रदर्शित करने वाले पहले व्यक्ति थे। उस समय से, हर साल 7 फरवरी को गुलाब देने और लेने को “ ROSE DAY  ” ​​के रूप में मनाया जाता है।

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ROSE DAY — महत्व: जबकि लाल गुलाब विशेष दिन के लिए स्पष्ट विजेता हैं, ऐसे अन्य गुलाब भी हैं जिन्हें हम अपने प्रियजनों को उपहार में दे सकते हैं। पीला गुलाब दोस्ती और नई शुरुआत की खुशी को दर्शाता है, जबकि सफेद गुलाब मासूमियत और पवित्रता को व्यक्त करता है। दूसरी ओर, नारंगी गुलाब का उपयोग इच्छा व्यक्त करने के लिए किया जाता है, और गुलाबी गुलाब प्रशंसा और कृतज्ञता को दर्शाता है।जबकि लाल गुलाब वेलेंटाइन डे के लिए स्पष्ट पसंद हैं, ऐसे अलग-अलग फूल हैं जो उन लोगों को दिए जा सकते हैं जिनकी हम परवाह करते हैं। सफ़ेद गुलाब मासूमियत और का प्रतिनिधित्व करता हैIndian Police Force review in Hindi जाने कैसी है ‘इंडियन पुलिस फोर्स’? Rohit शेट्टी का नया धमाका streaming on 19 jan 2024 at amazon prime
पवित्रता, जबकि पीला गुलाब दोस्ती और नई शुरुआत के रोमांच का प्रतिनिधित्व करता है। दूसरी ओर, नारंगी गुलाब का उपयोग इच्छा को दर्शाने के लिए किया जाता है, जबकि गुलाबी गुलाब का उपयोग प्रशंसा और धन्यवाद व्यक्त करने के लिए किया जाता है। दूसरी ओर नीला गुलाब रहस्य या असंभव को पूरा करने का प्रतीक है।     

 Valentine’s Day Flowers के लिए फूलों के सुझाव और उनका क्या मतलब है

ROSE DAY AND RED ROSE-( Valentine’s Day Flowers )— लाल गुलाब – प्यार और रोमांस। स्कॉटिश कवि रॉबर्ट बर्न्स ने अपने प्यार की तुलना लाल, लाल गुलाब से यूं ही नहीं की। वे सदियों से सुंदरता और पूर्णता से जुड़े हुए हैं; लाल गुलाब “मैं तुमसे प्यार करता हूँ” कहने का एक शाश्वत तरीका है। इसलिए यदि आपको लाल गुलाब मिलते हैं, तो आप जानते हैं कि आपको वास्तव में प्यार किया गया है।

ROSE DAY AND PINK ROSE –(- Valentine’s Day Flowers )गुलाबी गुलाब  प्यार, कृतज्ञता और प्रशंसा। गुलाबी गुलाब न केवल आश्चर्यजनक हैं, बल्कि जब आपके पास अपने प्रियजन से प्यार, कृतज्ञता और प्रशंसा सहित कुछ महत्वपूर्ण बात कहने के लिए हो तो कई संदेशों को संप्रेषित करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है। वे एक अत्यंत सुंदर फूल भी हैं। गुलाबी गुलाब आपको प्यार और सराहना का एहसास कराएगा, जो वेलेंटाइन डे के लिए एक बेहतरीन उपहार है।

ROSE DAY AND WHITE ROSE (Valentine’s Day Flowers )सफेद गुलाब  – विवाह, आध्यात्मिकता, नई शुरुआत। सफेद गुलाब को पारंपरिक रूप से शादी और नई शुरुआत से जोड़ा जाता है। यदि आप उस विशेष प्रस्ताव की उम्मीद कर रहे हैं, तो शायद सफेद गुलाब सब कुछ कह देंगे।

ROSE DAY AND YELLOW ROSE(Valentine’s Day Flowers )– पीला गुलाब दोस्ती और नई शुरुआत की खुशी को दर्शाता है

ROSE DAY AND LILIES(Valentine’s Day Flowers)   लिली – वादा, जुनून, जीवन और निष्ठा। उनका क्या मतलब है यह सब कुछ कहता है, इसलिए आप निश्चित रूप से लिली के गुलदस्ते के लिए अपने चेहरे पर मुस्कान ला सकते हैं।

ROSE DAY AND CARNATIONS(  Valentine’s Day Flowers) कारनेशन – प्रेम, आकर्षण और अमर प्रेम। कार्नेशन्स का मतलब है कि आपको निश्चित रूप से प्यार किया जाता है, बहुत सारी और अच्छी चीजें निश्चित रूप से आपके रास्ते में आएंगी।

ROSE DAY AND CHRYSANTHEMMUN ( Valentine’s Day Flowers )गुलदाउदी – आशावाद और खुशी। आपके रिश्ते के लिए बहुत उम्मीदें हैं, और यह निश्चित रूप से एक खुशहाल मिलन होगा।

इन फूलों के अलावा लोग कार्ड भी भेजते हैं और टेडी बियर भी। हमारे अधिकांश ऑर्डर पर आपको एक निःशुल्क कार्ड मिलता है, और हमें शानदार वेलेंटाइन डे के गुलदस्ते मिलते हैं, जिनमें चॉकलेट और टेडी बियर भी शामिल हैं! हमारे वैलेंटाइन डे संग्रह को देखें और बताएं कि आपको स्टाइल में क्या चाहिए।

QUE- वेलेंटाइन डे पर लोग गुलाब क्यों देते हैं?

ANS- गुलाब वैलेंटाइन डे के लिए एक लोकप्रिय फूल हैं क्योंकि इनका प्यार और रोमांस से जुड़े होने का एक लंबा इतिहास है। कुछ कहानियों के अनुसार, गुलाब ग्रीक पौराणिक कथाओं में प्रेम की देवी वीनस का पसंदीदा फूल था

  19वीं शताब्दी में, विक्टोरियन लोग “फ़्लोरियोग्राफ़ी” नामक प्रणाली के आधार पर, अपने प्रेम संबंधों को संदेश भेजने के लिए गुलाब और अन्य फूलों का उपयोग करते थे। लाल गुलाब, विशेष रूप से, जुनून और रोमांटिक प्रेम का प्रतीक है, जबकि अन्य रंगों के अलग-अलग अर्थ होते हैं। आज भी, वेलेंटाइन डे पर गुलाब अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का एक आम तरीका है, चाहे वह प्यार हो, दोस्ती हो या प्रशंसा हो

श्री राम जन्मभूमि मंदिर में -राग सेवा कार्यक्रम( Raag Sewa Program):: 100 से ज्यादा प्रसिद्ध कलाकार ,हेमा मालिनी, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, उस्ताद अमजद अली खान, पंडित जसराज और शंकर महादेवन  पेश करेंगे अपना कार्यक्रम,राग सेवा चलेगा पुरे 45 दिन

शास्त्रीय परंपरा के अनुरूप 26 जनवरी 2024 से श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राग सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम प्रभु के समक्ष गुड़ी मंडप में आयोजित किया जाएगा, जिसमें विभिन्न प्रांतों के 100 से अधिक प्रसिद्ध कलाकार और देशभर की कला परंपराएं अगले 45 दिनों तक भगवान श्री रामलला सरकार के चरणों में अपनी राग सेवा अर्पित करेंगी। ट्रस्ट की ओर से इस कार्यक्रम के सूत्रधार एवं संयोजक श्री यतीन्द्र मिश्र हैं: 22 जनवरी, 2024 को, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में एक ऐतिहासिक घटना हुई, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने राम जन्मभूमि स्थल पर बने भव्य राम मंदिर का उद्घाटन किया, जो भगवान राम की जन्मस्थली है, जिनके प्रमुख देवता पूजे जाते हैं।

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राग सेवा कार्यक्रम के लिए 48 दिनों का निर्धारण भगवान राम के शिशु स्वरूप रामलला की मंडल पूजा के अनुरूप है। शास्त्रों में मंडल पूजा के लिए 48 दिनों का प्रावधान है, क्योंकि 29 नक्षत्रों, 12 राशियों और नौ ग्रहों का एक मंडल होता है। मंडल पूजा एक विशेष अनुष्ठान है जो भक्त और देवता पर दिव्य पिंडों और ब्रह्मांडीय शक्तियों के आशीर्वाद का आह्वान करता है। इस विशेष पूजा के हिस्से के रूप में, मंदिर और लोगों के दिलों में भगवान राम की दिव्य उपस्थिति का सम्मान करने के एक तरीके के रूप में, राम लला की राग सेवा का आयोजन किया जा रहा है शास्त्रीय परंपरा के अनुरूप, 26 जनवरी से श्री राम जन्मभूमि मंदिर में राग सेवा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। यह कार्यक्रम भगवान के सामने ‘गुड़ी मंडप’ में आयोजित किया जाएगा जिसमें विभिन्न प्रांतों के 100 से अधिक प्रसिद्ध कलाकार शामिल होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के एक सदस्य ने कहा, “देश भर से कला परंपराएं अगले 45 दिनों तक भगवान राम के चरणों में अपनी ‘राग सेवा’ अर्पित करेंगी।” और 10 मार्च को समाप्त होगा।

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राग सेवा कार्यक्रम में पेजावर मठ के पीठाधिपति स्वामी जगद्गुरु माधवाचार्य के मार्गदर्शन में 48 दिनों तक मंडल पूजा आयोजित की जाएगी, जिसमें चांदी के कलशों से द्रव्य (पवित्र तरल) के साथ राम लला की मूर्ति का दैनिक अभिषेक (अनुष्ठान स्नान) किया जाएगा। पूजा के दौरान, विद्वानों और आचार्यों द्वारा चतुर्वेद और अन्य दिव्य ग्रंथों का दैनिक पाठ किया जाएगा।

‘गुड़ी मंडप’ गर्भ गृह (गर्भगृह) के सामने स्थित है जहां सोमवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक भव्य समारोह में भगवान राम की नई मूर्ति की प्रतिष्ठा की गई थी। उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में, राग सेवा नामक एक संगीत कार्यक्रम मंदिर में शुरू होगा, जो राग सेवा कार्यक्रम 45 दिनों तक चलने वाला उत्सव है जो 26 जनवरी, 2024 को राम मंदिर के उद्घाटन समारोह के हिस्से के रूप में शुरू हुआ, भारत के विभिन्न क्षेत्रों और परंपराओं के 100 से अधिक प्रतिष्ठित कलाकार गुड़ी मंडप, गर्भगृह के सामने का हॉल, जहां भगवान राम की मूर्ति स्थापित है, में अपनी राग सेवा प्रस्तुत करेंगे इस कार्यक्रम का आयोजन कवि, संगीतज्ञ और श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री यतींद्र मिश्रा द्वारा किया गया है, जो मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की देखरेख करते हैं राग सेवा दिन के सभी घंटों में विशिष्ट समय के अनुसार आयोजित की जाएगी, यह सुनिश्चित करते हुए कि राग की प्रस्तुति उसके प्रदर्शन के समय से मेल खाती है यह औपचारिक कार्यक्रम पूरी तरह से भारतीय संगीत के शास्त्रीय सिद्धांतों के अनुरूप समर्पित होगा, जो श्रुति, स्वर, राग और ताल की अवधारणाओं पर आधारित हैं।

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राग सेवा कार्यक्रम में प्रस्तुति देने वाले कुछ कलाकारों में हेमा मालिनी, पंडित हरिप्रसाद चौरसिया, उस्ताद अमजद अली खान, पंडित जसराज और शंकर महादेवन शामिल हैं। राग सेवा में सितार, तबला, पखावज, शहनाई, सरोद, सारंगी, बांसुरी, वीणा, मृदंगम और हारमोनियम जैसे विभिन्न प्रकार के वाद्ययंत्रों के साथ-साथ गायन शैली भी शामिल होगी। भजन, शबद और कीर्तन के रूप में। इस कार्यक्रम में देशभर से भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी, कुचिपुड़ी, मणिपुरी, मोहिनीअट्टम और सत्त्रिया जैसे भारत के शास्त्रीय नृत्य रूपों का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

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100 कलाकार 45 दिवसीय उत्सव के दौरान भगवान राम को ‘राग सेवा’ पेश करेंगे। अयोध्या में “श्री राम राग सेवा” की पेशकश करने के लिए। भगवान राम को समर्पित 45 दिवसीय भक्ति संगीत समारोह शुक्रवार को शुरू होगा और 10 मार्च को समाप्त होगा।

अश्विनी भिड़े—देशपांडे जयपुर-अतरौली घराने के हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक हैं। वह ख्याल शैली में निपुणता और शुद्ध कल्याण, भूप, यमन और भीमपलासी जैसे रागों की प्रस्तुति के लिए जानी जाती हैं। उन्हें 2015 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

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सिक्किल गुरुचरण— एक कर्नाटक गायक और प्रसिद्ध सिक्किल सिस्टर्स के पोते हैं, जो प्रख्यात बांसुरीवादक हैं। वह अपनी सुरीली आवाज, स्पष्ट उच्चारण और परंपरा के पालन के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने भारत और विदेश दोनों में कई प्रतिष्ठित समारोहों और स्थानों पर प्रदर्शन किया है। उन्हें 2007 में युवा कला भारती सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं

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पंडित साजन मिश्रा — एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और बनारस घराने के वरिष्ठ प्रतिपादक हैं। वह अपने भाई पंडित राजन मिश्रा के साथ युगल प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं, जिनका 2021 में निधन हो गया। वह ख्याल, ठुमरी, दादरा और भजन जैसी विभिन्न शैलियों में माहिर हैं। उन्हें 2007 में पद्म भूषण सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

जसबीर जस्सी—- एक पंजाबी गायक और संगीतकार हैं जो अपने लोक और पॉप गीतों के लिए जाने जाते हैं। वह दिल ले गई, कुड़ी कुड़ी और निशानी प्यार दी जैसे अपने हिट गानों के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने ख़ुशी, ज़िंदा और सिंह इज़ किंग जैसी बॉलीवुड फिल्मों के लिए भी गाया है। उन्हें 2010 में सर्वश्रेष्ठ लोक पॉप एल्बम के लिए पीटीसी पंजाबी संगीत पुरस्कार सहित कई पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

अरुणा साईराम —- एक कर्नाटक गायिका और पद्म श्री पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं। वह शास्त्रीय और लोक संगीत1 के मिश्रण के लिए जानी जाती हैं

मालिनी अवस्थी— एक लोक गायिका हैं जो भोजपुरी, अवधी और हिंदी में गाती हैं। वह ठुमरी और कजरी भी प्रस्तुत करती हैं। उन्हें 20162 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया था

स्वप्ना सुंदरी—– एक नर्तकी और कुचिपुड़ी और भरत नाट्यम की विद्वान हैं। वह एक गायिका और संगीतकार भी हैं। उन्हें 20033 में पद्म भूषण प्राप्त हुआ

राहुल देशपांडे—- एक हिंदुस्तानी शास्त्रीय गायक और वसंतराव देशपांडे के पोते हैं। वह ध्रुपद शैली के प्रतिपादक और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता हैं

सुरेश वाडकर – एक पार्श्व गायक हैं जिन्होंने हिंदी और मराठी फिल्मों में गाया है। वह सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के पांच बार विजेता और पद्म श्री5 के प्राप्तकर्ता हैं

दर्शना झावेरी– एक मणिपुरी नर्तक और एक शोधकर्ता हैं। वह उन चार झावेरी बहनों में से एक हैं जो अपने मणिपुरी नृत्य के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्हें 2016 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था

अनुप जलोटा — एक प्रसिद्ध भारतीय गायक/संगीतकार हैं, जो भारतीय संगीत के भजन और ग़ज़ल में अपने प्रदर्शन के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म पंजाब के फगवाड़ा में हुआ और शिक्षा लखनऊ में हुई

उदय भावलकर— डागर बानी (स्कूल/शैली) के एक प्रमुख ध्रुपद गायक हैं। उन्होंने अपने संगीत करियर की शुरुआत ऑल इंडिया रेडियो में कोरस गायक के रूप में की थी। वह भजन के प्रसिद्ध प्रतिपादक पुरूषोत्तम दास जलोटा के पुत्र हैं

अनुराधा पौडवाल— बॉलीवुड में एक भारतीय पार्श्व गायिका हैं। वह तीन दशकों के करियर के साथ हिंदी सिनेमा में विख्यात हैं। वह सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका के लिए फिल्मफेयर पुरस्कार के 15 नामांकनों में से पांच बार विजेता, राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार की प्राप्तकर्ता हैं।

जयंती कुमारेश —- एक भारतीय वीणा संगीतकार हैं। वह उन संगीतकारों के वंश से आती हैं जो छह पीढ़ियों से कर्नाटक संगीत का अभ्यास कर रहे हैं और उन्होंने 3 साल की उम्र में सरस्वती वीणा बजाना शुरू किया था। वह भारतीय राष्ट्रीय ऑर्केस्ट्रा9101112 की संस्थापक हैं।

रजनी और गायत्री — बहनें और बहुमुखी संगीतकार हैं जो कर्नाटक गायन युगल प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने अपनी संगीत यात्रा वायलिन वादक के रूप में शुरू की और बाद में गायन की ओर रुख किया। वे अपने समृद्ध प्रदर्शनों, रचनात्मक सुधारों और अभिव्यंजक प्रस्तुतियों के लिए जाने जाते हैं

देवकी पंडित — एक भारतीय शास्त्रीय गायिका हैं जो ख्याल, ठुमरी, दादरा, चैतीस और कजरी जैसी विभिन्न शैलियों में गाती हैं। वह पद्म विभूषण गणसरस्वती किशोरी अमोनकर और पद्मश्री पंडित की शिष्या हैं। जीतेन्द्र अभिषेकी. उन्होंने फिल्मों और टेलीविजन के लिए भी गाया है

बसंती भिस्टा—-उत्तराखंड की एक लोक गायिका हैं, जो उत्तराखंड की जागर लोक विधा की पहली महिला गायिका के रूप में प्रसिद्ध हैं। गायन का जागर रूप देवताओं का आह्वान करने का एक तरीका है, जो पारंपरिक रूप से पुरुषों द्वारा किया जाता है। उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया गया है

प्रेरणा श्रीमाली—-कथक के जयपुर घराने की वरिष्ठ नृत्यांगना हैं। उन्हें जयपुर में गुरु श्री कुन्दन लाल गंगानी द्वारा कथक नृत्य की दीक्षा दी गयी। उन्होंने कई प्रस्तुतियों की कोरियोग्राफी भी की है और कई अंतरराष्ट्रीय नृत्य सेमिनारों और सम्मेलनों में भाग लिया है। उन्हें संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार मिल चुका है

सुनंदा शर्मा— एक भारतीय गायिका, मॉडल और अभिनेत्री हैं। उनका जन्म पंजाब के गुरदासपुर में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत अन्य कलाकारों के वीडियो गाने गाकर और उन्हें यूट्यूब पर अपलोड करके की। उन्हें 2017 में अपने सुपरहिट गाने ‘पटाके’ से प्रसिद्धि मिली। उन्होंने ‘तेरे नाल नचना’ गाने से बॉलीवुड में डेब्यू किया था

पद्मा सुब्रह्मण्यम— एक भारतीय शास्त्रीय नर्तक, शिक्षक, गायक, विद्वान, लेखक और कोरियोग्राफर हैं। उन्हें दक्षिण भारत के शास्त्रीय नृत्य भरतनाट्यम के प्रमुख प्रतिपादकों में से एक के रूप में पहचाना जाता है। वह भरत नृत्यम कला की संस्थापक हैं। उन्होंने पद्म श्री और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कार जीते हैं

RAM MANDIR -राम मंदिर के 20 विशेषताए जो आप भी नहीं जानते होंगे ? क्या है  TIME कैप्सूल ? कौन है वास्तुकार राम मंदिर के

RAM MANDIR  भारत में सबसे बड़ा RAM MANDIR मंदिर: जल्द ही उद्घाटन होने वाला राम मंदिर अपनी डिजाइन संरचना के आधार पर भारत का सबसे बड़ा मंदिर बनने के लिए तैयार है। मंदिर के डिजाइन के लिए जिम्मेदार सोमपुरा परिवार ने खुलासा किया कि वास्तुशिल्प योजनाओं की कल्पना 30 साल पहले चंद्रकांत सोमपुरा के बेटे आशीष सोमपुरा ने की थी। परिवार के अनुसार, मंदिर लगभग 161 फीट की ऊंचाई पर खड़ा होगा, जो 28,000 वर्ग फीट के विशाल क्षेत्र को कवर करेगा। पवित्र नींव: RAM MANDIR की नींव का गहरा आध्यात्मिक महत्व है, क्योंकि इसे बनाने के लिए 2587 क्षेत्रों की पवित्र मिट्टी लाई गई थी। कुछ उल्लेखनीय स्थानों में झाँसी, बिठूरी, हल्दीघाटी, यमुनोत्री, चित्तौड़गढ़, स्वर्ण मंदिर और कई अन्य पवित्र स्थान शामिल हैं।RAM MANDIR का वास्तुकार: रिपोर्टों के अनुसार, RAM MANDIR का वास्तुकार, प्रतिष्ठित सोमपुरा परिवार से हैं, जो प्रतिष्ठित सोमनाथ मंदिर सहित दुनिया भर में 100 से अधिक मंदिरों को तैयार करने के लिए जाने जाते हैं। मुख्य वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के नेतृत्व में और उनके बेटों आशीष और निखिल द्वारा समर्थित, उन्हों  RAM NAMDIR वास्तुकला में पीढ़ियों से आगे बढ़ने वाली विरासत बनाई है।

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RAM MANDIR में लोहे या स्टील का उपयोग नहीं: कई रिपोर्टों के अनुसार, राम मंदिर पूरी तरह से पत्थरों से बनाया गया है, और इसमें किसी स्टील या लोहे का उपयोग नहीं किया गया हैRAM MANDIR श्री राम’ ईंटें: यह ध्यान रखना दिलचस्प है कि RAM MANDIR के निर्माण में इस्तेमाल की गई ईंटों पर पवित्र शिलालेख ‘श्री राम’ अंकित है। यह राम सेतु के निर्माण के दौरान एक प्राचीन प्रथा की प्रतिध्वनि है, जो इन ईंटों की आधुनिक पुनरावृत्ति के लिए बढ़ी हुई ताकत और स्थायित्व का वादा करती है।RAM MANDIR में ,थाईलैंड से मिट्टी: अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक सौहार्द के संकेत के रूप में, 22 जनवरी, 2024 को राम लला के अभिषेक समारोह के लिए थाईलैंड से मिट्टी भेजी गई है, जो भौगोलिक सीमाओं से परे भगवान राम की विरासत की सार्वभौमिक प्रतिध्वनि को मजबूत करती है।RAM MANDIR  की विशेष विशेषता: RAM MANDIR तीन मंजिलों में फैला, 2.7 एकड़ में फैला, भूतल भगवान राम के जीवन को दर्शाता है, जबकि पहली मंजिल आगंतुकों को भगवान राम के दरबार की भव्यता में डुबो देगी, जो राजस्थान के भरतपुर के गुलाबी बलुआ पत्थर बंसी पहाड़पुर से तैयार किया गया है। RAM MANDIR  360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और शिखर सहित 161 फीट की ऊंचाई तक फैला है। RAM MANDIR  तीन मंजिलों और 12 द्वारों के साथ, यह वास्तुकला की भव्यता का एक राजसी प्रमाण है।

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RAM MANDIR में पवित्र नदियों का योगदान: रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 अगस्त का अभिषेक समारोह पूरे भारत में 150 नदियों के पवित्र जल से किया गया था।RAM MANDIR में भावी पीढ़ी के लिए टाइम कैप्सूल: मंदिर के 2000 फीट नीचे गाड़े गए टाइम कैप्सूल में मंदिर, भगवान राम और अयोध्या के बारे में प्रासंगिक जानकारी अंकित एक तांबे की प्लेट शामिल होगी, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए मंदिर की पहचान को संरक्षित करेगी।RAM MANDIR में नागर शैली की वास्तुकला: मंदिर में नागर शैली में 360 स्तंभ शामिल हैं, जो इसकी दृश्य अपील को बढ़ाते हैं और इसे वास्तुकला की उत्कृष्टता का उत्कृष्ट नमूना बनाते हैं।निर्मित RAM MANDIR में पूर्व से पश्चिम तक 380 फीट तक फैला है और इसमें पांच मंडप (हॉल) होंगे – नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना और कीर्तन मंडप।Redmi Note 13 Pro+ 5G REVIEW IN HINDI AND LAUNCH, 4 TH JAN 2023 : Pros, Cons, and Expert Advice for Your Purchase Decision

.तीन मंजिला RAM MANDIR में अपनी भव्य उपस्थिति से आकर्षित करता है। प्रत्येक मंजिल, 20 फीट ऊंची, वास्तुशिल्प उत्कृष्टता की एक सिम्फनी को प्रकट करती है, जिसमें 392 खंभे और 44 जटिल रूप से सजाए गए दरवाजे हैं।

1. RAM MANDIR ‘ पारंपरिक नागर शैली में है।

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2. ‘ RAM MANDIR की लंबाई (पूर्व-पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट है।

3. RAM MANDIR में तीन मंजिला है, जिसकी प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है। इसमें कुल 392 खंभे और 44 दरवाजे हैं।

4. मुख्य गर्भगृह में भगवान श्री राम का बचपन का स्वरूप (श्री राम लल्ला की मूर्ति) है और पहली मंजिल पर श्री राम दरबार होगा।

  5. पांच ‘मंडप’ (हॉल) – ‘नृत्य मंडप’, ‘रंग मंडप’, ‘सभा मंडप’, ‘प्रार्थना’ और ‘कीर्तन मंडप’

6. RAM MANDIR में  देवी-देवताओं, देवी-देवताओं की मूर्तियाँ खंभों और दीवारों पर सुशोभित हैं।

  7. RAM MANDIR में प्रवेश पूर्व दिशा से है, ‘सिंह द्वार’ से 32 सीढ़ियाँ चढ़कर।

  8. RAM MANDIR में दिव्यांगों और बुजुर्गों की सुविधा के लिए रैंप और लिफ्ट की व्यवस्था।

  9. RAM MANDIR में ‘पार्कोटा’ (आयताकार परिसर की दीवार) जिसकी लंबाई 732 मीटर और चौड़ाई 14 फीट है, ‘मंदिर’ को घेरे हुए है।

10. RAM MANDIR के परिसर के चारों कोनों पर, चार ‘मंदिर’ हैं – जो ‘सूर्य देव’, ‘देवी भगवती’, ‘गणेश भगवान’ और ‘भगवान शिव’ को समर्पित हैं। उत्तरी भुजा में ‘मां अन्नपूर्णा’ का मंदिर है और दक्षिणी भुजा में ‘हनुमान जी’ का मंदिर है।

11.  के पास एक ऐतिहासिक कुआँ (‘सीता कूप’) है, जो प्राचीन काल का है।

  12. श्री राम जन्मभूमि RAM MANDIR ‘ परिसर में, महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषाद राज, माता शबरी और देवी अहिल्या की पूज्य पत्नी को समर्पित ‘मंदिर’ प्रस्तावित हैं।

  13. RAM MANDIR परिसर के दक्षिण-पश्चिमी भाग में, कुबेर टीला में, जटायु की स्थापना के साथ-साथ भगवान शिव के प्राचीन ‘मंदिर’ का जीर्णोद्धार किया गया है।

14.  RAM MANDIR में कहीं भी लोहे का प्रयोग नहीं किया गया है।

  15. RAM MANDIR ‘ की नींव का निर्माण रोलर-कॉम्पैक्ट कंक्रीट (आरसीसी) की 14 मीटर मोटी परत से किया गया है, जो इसे कृत्रिम चट्टान का रूप देता है।

  16. RAM MANDIR जमीन की नमी से सुरक्षा के लिए ग्रेनाइट का उपयोग करके 21 फुट ऊंचे चबूतरे का निर्माण किया गया है।

17. RAM MANDIR परिसर में एक सीवेज उपचार संयंत्र, जल उपचार संयंत्र, अग्नि सुरक्षा के लिए जल आपूर्ति और एक स्वतंत्र बिजली स्टेशन है।

18. RAM MANDIR में 25,000 लोगों की क्षमता वाला एक तीर्थयात्री सुविधा केंद्र (पीएफसी) का निर्माण किया जा रहा है, यह तीर्थयात्रियों को चिकित्सा सुविधाएं और लॉकर सुविधा प्रदान करेगा।

19. RAM MANDIR परिसर में स्नान क्षेत्र, वॉशरूम, वॉशबेसिन, खुले नल आदि के साथ एक अलग ब्लॉक भी होगा।

20. RAM MANDIR  का निर्माण पूरी तरह से भारत की पारंपरिक और स्वदेशी तकनीक का उपयोग करके किया जा रहा है। इसका निर्माण पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष जोर देते हुए किया जा रहा है और 70 एकड़ क्षेत्र के 70 प्रतिशत हिस्से को हरा-भरा रखा गया है

CHRISTIAN OLIVER Actor Christian Oliver died  in plane crash in the Caribbean sea   with his two daughter  4 jan 2024 

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सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की पुलिस के अनुसार, अमेरिकी अभिनेता CHRISTIAN OLIVER और उनकी दो बेटियों की पूर्वी कैरेबियन में एक छोटे से निजी द्वीप के पास एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई। पुलिस ने एक बयान में कहा कि दुर्घटना गुरुवार को बेक्विया के पास पेटिट नेविस द्वीप के ठीक पश्चिम में हुई जब विमान पास के सेंट लूसिया की ओर जा रहा था। उन्होंने बेटियों की पहचान 10 वर्षीय मदिता क्लेप्सर और 12 वर्षीय एनिक क्लेप्सर के रूप में की, उन्होंने बताया कि पायलट रॉबर्ट सैक्स की भी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार, यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि दुर्घटना का कारण क्या था।

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CategoryInformation
Born3 March 1972
Place of BirthCelle, Lower Saxony, West Germany
Died4 January 2024 (aged 51)
Place of DeathCaribbean Sea (off the coast of Bequia, St. Vincent and the Grenadines)
Years active1994–2024
SpouseJessica Mazur
Marriage2010 – 2021 (divorced)
Children2

स्पीड रेसर जैसी फिल्मों के लिए जाने जाने वाले अभिनेता CHRISTIAN OLIVER  और उनकी दो बेटियों की 4 जनवरी को एक विमान दुर्घटना में मौत हो गई थी। दुर्घटना पूर्वी कैरेबियन में बेक्विया के पास एक निजी द्वीप पेटिट नेविस द्वीप के पास हुई थी। सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस की पुलिस के अनुसार, विमान सेंट लूसिया की ओर जा रहा था। अधिकारियों ने कहा कि सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस तटरक्षक बल के क्षेत्र की ओर बढ़ने पर क्षेत्र के मछुआरे और गोताखोर मदद के लिए दुर्घटनास्थल पर गए। पुलिस ने कहा, “मछुआरों और गोताखोरों के निस्वार्थ और बहादुरीपूर्ण कार्यों की बहुत सराहना की जाती है।” जर्मनी में जन्मे 51 वर्षीय CHRISTIAN OLIVER  के पास दर्जनों सराहनीय फिल्म और टेलीविजन भूमिकाएं थीं, जिनमें 2008 की फिल्म स्पीड रेसर फिल्म और द गुड जर्मन, 2006 में स्टीवन सोडरबर्ग की द्वितीय विश्व युद्ध की फिल्म शामिल थी, जिसमें जॉर्ज क्लूनी और केट ब्लैंचेट ने अभिनय किया था। वह 1990 के दशक की सीरीज़ सेव्ड बाय द बेल: द न्यू क्लास के पूरे सीज़न में ब्रायन केलर नाम के एक स्विस ट्रांसफर छात्र की भूमिका निभाते हुए दिखाई दिए। CHRISTIAN OLIVER (3 मार्च 1972 – 4 जनवरी 2024)  एक जर्मन अभिनेता थे।, उन्हें ज्यादातर कोबरा 11 टेलीविजन श्रृंखला में उनकी भूमिका के लिए जाना जाता था।

सेले में जन्मे क्रिश्चियन क्लेप्सर  ओलिवर फ्रैंकफर्ट एम मेन में बड़े हुए ,  वह एक मॉडल के रूप में काम करने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए और बाद में न्यूयॉर्क और लॉस एंजिल्स में अभिनय की शिक्षा ली 2002 से 2004 तक, CHRISTIAN OLIVER  ने जर्मन एक्शन टीवी श्रृंखला अलार्म फर कोबरा 11 के 28 एपिसोड में सह-अभिनय किया।

FILMOGRAPHY OF CHRISTIAN OLIVER

YearTitleRole
1994–1995Saved by the Bell: The New ClassBrian Keller
1995The Baby Sitters ClubLuca
1997Two SistersTim
1997Eat Your Heart OutDaniel Haus
1999Bombs Under Berlin [de]Kalle
1999Romantic FighterDennis
2001Schlaf mit meinem MannBenny
2001KeptKyle
2001AblazeTim Vester
2002A Light in the ForestGabriel Brown
2004FrostbiteHans
2002–2004Alarm für Cobra 11 — Die AutobahnpolizeiJan Richter
2005Subject TwoAdam Schmidt
2006The Good GermanEmil Brandt
2008Speed RacerSnake Oiler
2008WatercolorsHigh School Student
2009ValkyrieSergeant-Major Adam
2009Ready or NotChris
2009TributeSteve Chensky
2011The Three MusketeersVenetian Nobleman
2013House of Good and EvilChris Conley
2014Ninja ApocalypseCage
2014Hercules RebornArius
2015ZipperMax (uncredited)
2015Sense8Steiner
2015Master of Death [de]Ulrich Hemberger
2016TimelessWernher von Braun
2019Best Christmas Ball EverLukas
2020HuntersWilhelm Zuchs
2023Indiana Jones and the Dial of DestinyVoice actor

ICC Men’s T20 World Cup 2024 in West Indies and the USA 1 to 29 June 2024.

India vs Pakistan T 20 MATCH ON 9 JUNE 2024 AT NEWYORK, AMERICA  

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वेस्ट इंडीज और यूएसए में ऐतिहासिक आईसीसी पुरुष T20 World Cup 2024 के लिए कार्यक्रम का खुलासा- आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप के नौवें संस्करण के कार्यक्रम की घोषणा कर दी गई है, जिसका आयोजन 1 से 29 जून 2024 तक वेस्टइंडीज और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा सह-मेजबानी की जाएगी। *

1*T20 World Cup 2024,डलास शनिवार 1 जून को संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच ICC पुरुष T20 विश्व कप 2024 के उद्घाटन मैच की मेजबानी करेगा*

  • 2*T20 World Cup 2024 गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और सेंट लूसिया में ग्रुप मैच खेलने के लिए वेस्टइंडीज की सह-मेज़बानी

3*T20 World Cup 2024, विश्व क्रिकेट के दो सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान रविवार 9 जून को न्यूयॉर्क में आमने-सामने होंगे

  • 4*T20 World Cup 2024 चैंपियन इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया ने ग्रुप चरण में एक साथ जोड़ी बनाई

5*T20 World Cup 2024 बारबाडोस शनिवार 29 जून को आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 फाइनल की मेजबानी करेगा

6*T20 World Cup 202420 टीमें t20worldcup.com पर उपलब्ध पूर्ण शेड्यूल और *ICC के ऑनलाइन मीडिया ज़ोन के माध्यम से फिक्स्चर ग्राफिक्स के साथ प्रतिस्पर्धा करेंगी।

7*T20 World Cup 2024 , 1 से 29 जून 2024 तक वेस्टइंडीज और संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित होने वाले कार्यक्रम के साथ आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप के नौवें संस्करण के लिए कार्यक्रम का खुलासा हो गया है। प्रशंसक यहां टिकटों के लिए अपनी रुचि दर्ज करा सकते हैं।

8*T20 World Cup 2024,शिखर ICC पुरुष T20 इवेंट में रिकॉर्ड 20 टीमों को चार समूहों में विभाजित किया जाएगा, जो ICC पुरुष T20 विश्व कप चैंपियंस 2024 के ताज के अधिकार के लिए 55 खेलों में प्रतिस्पर्धा करेंगी, जिसमें सह-मेजबान वेस्टइंडीज और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ-साथ अन्य क्वालीफायर भी शामिल होंगे। :

   अफगानिस्तान,

     ऑस्ट्रेलिया,

   बांग्लादेश,

    कनाडा, इंग्लैंड,

   भारत, आयरलैंड,

   नामीबिया, नेपाल,

  नीदरलैंड, न्यूजीलैंड,

  ओमान, पाकिस्तान,

  पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी),

  स्कॉटलैंड, दक्षिण अफ्रीका

  श्रीलंका और युगांडा।

9* T20 World Cup 2024, 20 टीमों को पांच के चार समूहों में विभाजित किया गया है, शीर्ष दो टीमें सुपर आठ में आगे बढ़ेंगी:

Group AGroup BGroup CGroup D
भारत, पाकिस्तान, आयरलैंड, कनाडा और अमेरिकाइंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, नामीबिया, स्कॉटलैंड और ओमानन्यूजीलैंड, वेस्टइंडीज, अफगानिस्तान, युगांडा और पापुआ न्यू गिनीदक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका, बांग्लादेश, नीदरलैंड और नेपाल

10* यह आयोजन जून के पहले दो दिनों में दो सह-मेजबानों द्वारा अपने अभियान शुरू करने के साथ शुरू होता है। टूर्नामेंट के उद्घाटन मैच में अमेरिका शनिवार 1 जून को डलास के ग्रैंड प्रेयरी क्रिकेट स्टेडियम में कनाडा से भिड़ेगा, जबकि वेस्टइंडीज रविवार 2 जून को गुयाना नेशनल स्टेडियम में पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा।

11*क्रिकेट की सबसे बड़ी प्रतिद्वंद्विता दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शहरों में से एक में होगी, जिसमें न्यूयॉर्क रविवार, 9 जून को भारत और पाकिस्तान की मेजबानी करेगा। यह मैच न्यूयॉर्क के नासाउ काउंटी में डाउनटाउन मैनहट्टन से सिर्फ 30 मील पूर्व में 34,000 सीटों वाले अत्याधुनिक मॉड्यूलर स्टेडियम में खेला जाएगा। आयोजन स्थल पर आठ मैच खेले जाएंगे।

11*गत चैंपियन इंग्लैंड मंगलवार 4 जून को स्कॉटलैंड के खिलाफ बारबाडोस में अपने खिताब की रक्षा शुरू करेगा और 2022 के फाइनलिस्ट पाकिस्तान को अपनी चुनौती गुरुवार 6 जून को मिलेगी, जब वे डलास में यूएसए से खेलेंगे।

12*ग्रुप चरण में होने वाले ढेरों ब्लॉकबस्टर मुकाबलों के बीच, प्रशंसक सोमवार 3 जून को न्यूयॉर्क में श्रीलंका का दक्षिण अफ्रीका से मुकाबला देखने का इंतजार कर सकते हैं, जबकि इंग्लैंड शनिवार 8 जून को बारबाडोस में चिर प्रतिद्वंद्वी ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगा। एक और बहुप्रतीक्षित मैच में बुधवार 12 जून को त्रिनिदाद और टोबैगो में ब्रायन लारा क्रिकेट अकादमी में वेस्टइंडीज का मुकाबला न्यूजीलैंड से होगा।

13*पहली बार क्वालीफायर युगांडा अपना पहला आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप मैच सोमवार, 3 जून को अफगानिस्तान के खिलाफ गुयाना में खेलेगा। 2014 के बाद पहली बार टी20 विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने वाला नेपाल फ्लोरिडा के लॉडरहिल में ब्रोवार्ड काउंटी स्टेडियम में खेले जाने वाले चार मैचों में से एक में श्रीलंका के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेगा।

14*समूह चरण के पूरा होने पर, चारों समूहों में से प्रत्येक से शीर्ष दो टीमें प्रतियोगिता के सुपर आठ चरण में चले जाएंगी। पहले दौर में अपने ग्रुप में पहली और दूसरी वरीयता प्राप्त टीमें सुपर आठ में उस वरीयता को बरकरार रखेंगी, बशर्ते वे अर्हता प्राप्त कर लें। सुपर आठ मैच लोकप्रिय कैरेबियाई पर्यटक स्थलों एंटीगुआ और बारबुडा, बारबाडोस, सेंट लूसिया और सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस में खेले जाने वाले हैं।

सुपर आठ में प्रत्येक समूह से दो शीर्ष टीमें सेमीफाइनल में पहुंचेंगी, जो क्रमशः बुधवार 26 और गुरुवार 27 जून को गुयाना और त्रिनिदाद और टोबैगो में आयोजित किया जाएगा। फाइनल शनिवार 29 जून को बारबाडोस के केंसिंग्टन ओवल में होगा।

सार्वजनिक टिकटों की बिक्री मतपत्र के माध्यम से होगी और प्रशंसक अब यहां अपनी रुचि दर्ज करा सकते हैं। अभी पंजीकरण करने से यह सुनिश्चित होगा कि प्रशंसकों को विश्व कप में अपनी सीट सुरक्षित करने में मदद के लिए टिकट की खबर सबसे पहले मिलेगी। मतपत्र के बाहर, प्रशंसक आधिकारिक यात्रा कार्यक्रम, आईसीसी ट्रैवल एंड टूर्स के माध्यम से मैच टिकटों की गारंटी दे सकते हैं, जहां प्रशंसक आधिकारिक टिकट-समावेशी यात्रा पैकेज खरीद सकेंगे। यात्रा और टूर पैकेज के लिए पंजीकरण अभी खुले हैं और यहां पहुंचा जा सकता है।

आईसीसी के मुख्य कार्यकारी, ज्योफ एलार्डिस ने कहा: “आईसीसी पुरुष टी20 विश्व कप 2024 इस आयोजन में प्रतिस्पर्धा करने के लिए पहले से कहीं अधिक टीमों के साथ हमारे खेल के एक रोमांचक विस्तार का प्रतीक है। यह 20 अंतर्राष्ट्रीय टीमों को एक साथ लाने वाला एक अविश्वसनीय तमाशा होने जा रहा है