AKSHAYA TRITIYA (अक्षय तृतीया, ) सनातनी के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण और शुभ दिन माना जाता है। इसे व्यवहारिक भाषा मे अक्षय तीज भी कहा जाता है पंचांग के अनुसार, “यह वैशाख महीने में शुक्ल पक्ष की तृतीया( तीसरे दिन ) को AKSHAYA TRITIYA मनाया जाता है। अक्षय शब्द का मतलब है कभी न मिटने वाला (immortal )इसलिए ऐशा माना जाता इस दिन की गई किसी भी प्रकार का जप-तप , यज्ञ, , दान-पुण्य के लाभ कभी कम नहीं होते और बल्कि सनातनी को विपत्ती मे लाभ और सुरक्षित भी करती है यह विश्वास किया जाता है कि AKSHAYA TRITIYA दिन किया गया कोई भीअच्छे मन से किया गया कार्य पूर्ण रूप से शाश्वत फल देता है।

इस वर्ष, AKSHAYA TRITIYA (अक्षय तृतीया )का शुभ दिन 30 अप्रैल को है और ये पूरे देश मे धूम-धाम से मनाई जाएगी. AKSHAYA TRITIYA सूर्य और चन्द्र अपने उच्च राशि मे होते है और शुभ परिणाम देते है AKSHAYA TRITIYA इतना शुभ दिन है की बद्रीनाथ के कपाट भी इसी दिन खोले जाते और सनातनी को बद्रीनाथ के दर्शन प्राप्त होते है
AKSHAYA TRITIYA भाग्य और सफलता के साथ समृद्धि लाने वाला शुभ दिन माना जाता है सनतानी मा लक्ष्मी और श्री हरी विष्णु की विशेष प्रार्थनाएं और अनुष्ठान किए जाते हैं। कुछ घरों और बिजनेसमैन के घर या दुकान पे हवंन इत्यादि का आयोजन किया जाता है
AKSHAYA TRITIYA के दिन ऐसी परंपरा और विसवास है की अगर इस दिन सोने की खरीदारी की जाए तो आने वाले भविष्य समृद्धि और खुशियों भरा होगा । इस विस्वास के साथ सनातनी इस दिन गोल्ड खरीदते है और विस्वास करते है की ये गोल्ड सदेव धन संपदा को बढ़ाएगया और गरीबी दूर होगी

पौराणिक मान्यताए और महत्व — AKSHAYA TRITIYA
1—ऐशा माना जाता है की इस दिन त्रेता युग का प्रारम्भ इसी दिन हुआ था
2 – भगवान परशु राम का जन्म AKSHAYA TRITIYA को माना जाता है भगवान परशुराम श्री हरी विष्णु के छठे अवतार माने जाते है , इस तरह यह दिन भगवान परशुराम जन्मोत्सव के रूप मे भी जाना जाता है

3 AKSHAYA TRITIYA के दिन को मा गंगा का अवतरण दिवश के रूप मे भी जाना जाता है भागीरथ के अथक प्रयाश का फल इशी दिन ही मिला था
4 ऐशा माना जाता है की AKSHAYA TRITIYA के दिन सुदामा ने कृष्ण से मुलाकात की थी और कृष्ण ने अपना सब कुछ सुदामा को दे दिया था ।
5- भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को अक्षय पत्र दिया था जब पांडव ने बनवास कार्यकाल मे दुर्वाषा ऋषि के भोजन आमंत्रण पे प्रायप्त भोजन की व्यवयथा नहीं कर पाए थे ।
6 AKSHAYA TRITIYA के दिन कुबेर जी को शिव और BRMBHA ने स्वर्ग की संपत्ति की सुरक्षा का अधिकार दिया था
सोना (gold buying ) खरीदने का शुभ- समय — AKSHAYA TRITIYA
डेट/तिथि —– 30 अप्रैल 2025 – दिन बुधवार
इश दिन सोना खरीदने का शुभ समय
सुबह –05:40 से दोपहर के 2:12 तक
पूजन समय –05:40 से दोपहर के 12:18 तक
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